ग्रहों के राजा सूर्य के वृषभ राशि में गोचर से पहले ही यहां बुध, शुक्र और राहु विराजमान हैं। वृषभ में राहु के होने के चलते एक ओर जहां यहां राहु मदमस्त स्थिति में है, वहीं राहु ही वैदिक ज्योतिष के अनुसार वह ग्रह है जो सूर्य का ग्रास करता है। जबकि वहीं इसी राशि में मौजूद बुध के साथ सूर्य बुधादित्य जैसे विशेष योग का निर्माण करता है।
इसके अलावा शुक्र भी सूर्य का शत्रु माना जाता है। जबकि शुक्र के इस राशि में होने से राहु और ज्यादा मदमस्त होकर शनि के समान प्रभावों को भी देता दिख रहा है। वहीं वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रथम भाव में सूर्य-शुक्र संयोजन वाले जातक ज्ञानी होते हैं।
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साथ ही पहले भाव में सूर्य-शुक्र की युति के कारण जातक केवल स्वयं ही शांत नहीं होते, बल्कि वे वहां भी शांति की स्थापना कर सकते हैं, जहां इसकी कमी होती है।
कुल मिलाकर 14 मई 2021 से वृषभ राशि में प्रवेश कर जाने से चार ग्रह एक ही राशि में आ जाएंगे। ज्योतिष के अनुसार जहां इन चार ग्रहों का सभी 12 राशियों पर शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ेगा। वहीं दुनिया के देश भी इसके असर से अछुते नहीं रहेंगे।
राहु ने मिथुन राशि से 23 सितंबर 2020 को वृषभ राशि में गोचर किया था। वहीं राहु अब इस राशि में अप्रैल 2022 तक मदमस्त रहेंगे। राहु के गुरु यानि दैत्यगुरु शुक्र की राशि वृषभ में होने के कारण यह इस राशि में सर्वाधिक बलवान होता हैं। जानकारों की मानें तो ऐसी स्थिति में सूर्य के भी वृषभ में पहुंच जाने से जगह जगह तनातनी की स्थिति देखने को मिल सकती है।
ज्योतिष के जानकार एसके शुक्ला के अनुसार इस नवसंवत्सर 2078 के राजा व मंत्री मंगल होने के कारण सूर्य के वृषभ में आने से सबसे ज्यादा परेशानी राहु को होती दिख रही है।
ऐसे में जहां राहु कोरोना जैसी महामारी में अचानक परिवर्तन कर सकता है, वहीं ये इसे आगे बढ़ाने की कोशिश भी करेगा, लेकिन सूर्य की शकित के चलते कभी ये तेजी से फैलेगा तो कभी इसकी गति पर हल्का सा विराम भी लग जाएगा।
इस पूरी स्थिति में शुक्र भी राहु का साथ देगा लेकिन मंगल के प्रभाव से वह भी कम ही सफल होता दिखता है। लेकिन शुक्र के कारण कीमती धातुओं के भावों में वृद्धि होने से और शेयर मार्केट में उछाल देखने को मिल सकता है। विदेशों में परंपरागत वस्तुओं की मांग और भी बढ़ेगी। इससे भारत को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
इसके अलावा इस दौरान चंद्र की स्थिति के चलते कोई नई खोज या विज्ञान क्षेत्र में कुछ नई चीजें भी सामने आ सकती है। साथ ही इस समय देश दुनिया में कुछ जगह आंदोलन तो कुछ विवाद या युद्ध जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। वहीं सूर्य का प्रभाव इस समय कुछ जगह हल्की या तेज बारिश का दौर भी ला सकता है।
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