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भारत का एक अनोखा गांव, यहां हर घर में है अधिकारी-कर्मचारी, 90% गांव का लिटरेसी रेट

literate village : मौजूदा समय में 5 हजार 500 की जनसंख्या वाले पड़ियाल गांव में आजादी से पहले से ही सरकारी नौकरी पाने वालों की होड़ लगती आ रही है। पुरुष तो छोड़िए यहां की महिलाएं भी देशभर में बड़े बड़े पदों पर सेवाएं दे रही हैं।

धारSep 05, 2024 / 10:33 am

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Literate Village : लगभग 140 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में हर क्षेत्र की सफलता से जुड़े एक से बढ़कर एक उदाहरण लामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण मध्य प्रदेश के अंतर्गत आने वाले मालवा अंचल क्षेत्र के धार जिले में स्थित एक गांव में देखने को मिला। गांव का नाम पड़ियाल है, जिसकी जनसंख्या 5 हजार 500 है। इस गांव की खास बात ये है कि यहां हर घर में आपको अधिकारी या कर्मचारी देखने को मिल जाएंगे। यही नहीं, गांव होने के बावजूद यहां की साक्षरता दक 90 फीसदी से भी अधिक है। आसपास के इलाकों में गांव को अफसरों का गांव कहा जाता है। खास बात ये है कि यहां पुरुषों के साथ साथ महिलाएं तक देशभर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे रही हैं।
साढ़े पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में 100 से अधिक अधिकारी रहते हैं, जो देश-प्रदेश समेत आसपास के राज्यों में सेवाएं दे रहे हैं। गांव के हर घर में औसतन एक शासकीय कर्मचारी भी रह रहा है। गांव में लगभग 300 से अधिक कर्मचारी रह रहे हैं।। यहां के युवकों में प्रतियोगी परीक्षाओं में आने की होड़ कोई नई नहीं, बल्कि आजादी के समय से ही लगी हुई है। यही नहीं, आजादी के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बापू सिंह अलावा कुक्षी विधानसभा के पहले विधायक रहे। वो इसी गांव के रहने वाले थे।
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गांव को कहा जाता है- अधिकारियों वाला गांव

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ये अनोखा गांव धार जिले के डही विकासखंड में स्थित है। यहां की साक्षरता दर 90 फीसदी से ज्यादा है। अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हुए ही बड़े होते हैं। इसके अलावा यहां के कई युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में बड़े – बड़े पदों पर नौकरी कर रहे हैं या फिर खुद के बिजनेस कर रहे हैं। गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षक गांव के ही 702 छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

गांव का सामाजिक ताना-बाना शिक्षा पर केंद्रित

इस क्षेत्र में लंबे समय से बीआरसी के पद पर कार्य कर रहे मनोज दुबे ने शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कार्य किए हैं। नतीजतन यहां शिक्षा की दर काफी ऊंची है। उन्होंने बताया कि गांव के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होकर जन-सेवा के कार्य कर रहे है। वर्तमान में अध्ययन कर रहे युवा बड़ों से प्रेरणा पाकर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे है। गांव का सामाजिक ताना-बाना शिक्षा पर केन्द्रित रहता है। बीआरसी दुबे के मुताबिक पड़ियाल में कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल में स्मार्ट क्लासेस शुरु की गई है। इस साल नीट में यहां के 4 विद्यार्थी जबकि जेईई मेंस में 3 विद्यार्थी चयनित होकर डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे है।
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इनसे जाना जाता है गांव

मौजूदा समय में इन लोगों के जरिए गांव को एक विशेष पहचान मिली हैं इनमें, एसपी सिंह (डीआईजी), लक्ष्मण सिंह सोलंकी (एडिशनल एसपी), नरेंद्र पाल सिंह (कार्यपालन यंत्री), एमपी सिंह (एसी पीडब्ल्यूडी), डीएस रणदा (अपर संचालक ग्रामीण विकास), नवल सिंह डोडवा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), बीएस चौहान (डीपीओ गृह विभाग), अर्जुन सिंह जमरा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), महेंद्र सिंह अलावा (महाप्रबंधक एयरपोर्ट नई दिल्ली), पर्वत सिंह अलावा (आईईएस रेलवे), महेंद्र पाल अलावा (आईईएस वायरलेस एंड लोकल लूप, मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर सुमेर सिंह अलावा, डॉक्टर के.सी. राणे, डॉक्टर केवल सिंह जमरा, लोकेन्द्र अलावा (एसडीओ आरईएस), करण रणदा (एसीएफ), सुखलाल अलावा (परियोजना अधिकारी जिला पंचायत), सुरेंद्र अलावा (प्रबंधक हेल्थ विभाग), मनीष अलावा (प्रबंधक उद्योग), मुकेश नंदा (एईओ आबकारी), विजेंद्र सिंह मुझाल्दा (प्लाटून कमांडर) सहित अन्य उच्च पदों पर अधिकारी बन देश-प्रदेश में सेवाएं दे रहे है।

गांव की बेटियां भी किसी से कम नहीं

गांव के बेटे तो बेटे बेटियां भी किसी से कम नहीं है। यहाँ से पढ़-लिख कर अनेक बेटियों ने गाँव का नाम रोशन किया है। इसमें बबीता बामनिया (डीएसपी), कौशल्या चौहान (टीआई), शकुंतला बामनिया (टीआई), प्रियंका अलावा (थानेदार), रिंकी बामनिया (वाणिज्यिकर अधिकारी), शीतल अलावा (एई एमपीईबी), प्रिया रणदा (एईओ आबकारी), सुनयना डामोर (सिविल जज), गरिमा अलावा (उप निरीक्षक आबकारी), किरण जमरा (नायब तहसीलदार), सुचित्रा रणदा (कराधान अधिकारी), मीना अलावा (सहायक आयुक्त), डॉ. निधि सिंह (एमएस), डॉ. वस्ती रणदा (एमडी), डॉ. निलमणी अलावा (एमएस), डॉ. रिंकू रणदा (एमडी), डॉ. रश्मि रणदा (एमडी), डॉ. अंजना अलावा (प्रोफेसर), डॉ. अनुभूति अलावा (बीडीएस), डॉ. नेहा अलावा (एमएस), डॉ. शर्मिला जमरा (एमडी), संतोषी अलावा (प्रोफेसर), बसंती अलावा (प्रोफेसर) सहित अन्य बेटियाँ उच्च पदों पर पदस्थ है।

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