इसी दौरान ढाबा संचालक अनूप जाट से कहा कि मैं एक गौशाला के लिए बहुत बड़ा दान करने वाला हूं और दान करने के लिए अपने साथ लाए करीब 15 लाख रुपए भी दिखाएं और संचालक अनूप जाट व मैनेजर को वशीकरण कर एक-एक सोने की चेन और 30 हजार गौशाला के नाम से ले गया। गौशाला के लिए अऩ्य कार्यों को करूंगा, कह कर अनूप जाट के एक साथी को अपने साथ बड़ौदा ले गया।
इस घटना के बाद आरोपी श्याम सुंदर से ढाबे संचालक ने फिर से संपर्क किया। अपने सोने की चेन और नगद राशि के लिए। लेकिन वह टाल मटोल करता रहा। आरोपी श्यमा सुंदर राजस्थान के अजमेर जिले स्थित ब्यावर का रहने वाला है। बार-बार फोन करने बाद वह फिर से शनिवार को ढाबे पर पहुंचा तो संचालक को शंका हुई कि यह आईपीएस अधिकारी नहीं है। उसके बाद ढाबे संचालकर ने धामनोद थाने को सूचना दी। उसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच श्याम प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं, व्यक्ति के पास आईपीएस अधिकारी होने के कोई दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने जब वाहन की जांच की तो करीब नौ लाख रुपये से अधिक रुपये कैश जब्त हुए। इसके साथ-साथ कई फर्जी दस्तावेज भी पुलिस को मिले।
पुलिस अधीक्षक धार ने मामले का पूरा खुलासा करते हुए बताया कि व्यक्ति के पास से वर्दी, टोपी, रिवाल्वर का खाली बॉक्स सहित लाखों रुपया जब्त किया है। प्रथम दृष्टा व्यक्ति का आईपीएस बन कर लोगों को ठगी करना सामने आया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है जल्दी ही और खुलासा किया जाएगा।