समारोह में
धार और धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के लिए तैयार किया गया विजन डॉक्यूमेंट का भी विमोचन किया जाएगा। यह विजन डॉक्यूमेंट भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। प्रदेश के हर शहर के लिए सरकार द्वारा विजन डॉक्यूमेंट तैयार करवाया जा रहा है। इसके तहत धार और धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इसके तहत शहरों में विकास कार्यों का खाका तैयार कर काम होना है। इसका विमोचन राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा किया जाना है।
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जनजातीय गौरव दिवस(Tribal Pride Day) के अवसर पर पीजी कॉलेज मैदान पर ट्राइबल गैलरी तैयार की गई है। यहां पर जनजातीय वर्ग के तमाम क्रांतिकारियों की वीर गाथाएं प्रदर्शनी में लगाई गई है। इसमें टंट्या मामा, झलकारी बाई, भीमा नायक, राणा पूंजा जैसे तमाम सेनानियों की गाथाओं का वर्णन इसमें शामिल है। वहीं समय-समय पर भारत सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग के सम्मान में देशभर की आदिवासी संस्कृति से जुड़े डाक टिकट को भी प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया है।
भूमिपूजन-लोकार्पण भी होगा
कार्यक्रम(Tribal Pride Day) के तहत मुख्यमंत्री डॉ. 57 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे। इनकी लागत 334.36 करोड़ रुपए है। इसके तहत 24 कार्यों का भूमिपूजन होगा। इसकी लागत 116.7 करोड़ रुपए है। जबकि 217.66 करोड़ के 33 कामों का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव करेंगे। आयोजन के तहत सिकलसेल उन्मूलन-2047 डाक टिकिट का विमोचन भी होगा। हितग्राहियों को हितलाभ वितरण, दिव्यांगजनों को ट्राइसिकल का वितरण भी करेंगे।
ये जनप्रतिनिधि होंगे शामिल
समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, कैबिनेट मंत्री डॉ. विजय शाह सहित नेता प्रतिपक्ष व गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, जिपं अध्यक्ष सरदारसिंह मेड़ा, धार विधायक नीना वर्मा, धरमपुरी विधायक कालूसिंह ठाकुर, कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह बघेल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, बदनावर विधायक भंवरसिंह शेखावत व मनावर विधायक हीरालाल अलावा भी उपस्थित रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने किए सवाल
भगवान बिरसा मुुंडा की जयंती पर धार आ रहे मुख्यमंत्री डॉ. यादव से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल किए है। इसमें आदिवासी भाई-बहनों पर अत्याचार कब रूकेंगें? पेसा कानून का क्रियान्वयन कब होगा? जिन आदिवासियों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया है, उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार की क्या नीति है? खनन एवं विकास परियोजनाओं के नाम पर आदिवासियों का विस्थापन कब रूकेगा जैसे सवालों के जवाब देने की मांग नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने की है।