वहीं कमाल मौलाना दरगाह परिसर में केमिकल ट्रीटमेंट का काम भी जारी है। यहां परिसर में शिलालेख की सफाई करने के साथ ही पेपर स्टांप पर उकेरने का काम भी सर्वे टीम द्वारा किया जा रहा है। भोजशाला के गर्भगृह में स्तंभों की विशेष वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का काम भी तेजी से चल रहा है।
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भोजशाला परिसर और इससे लगे 50 मीटर के क्षेत्र में आने वाले अनेक स्थलों पर परीक्षण करना अभी बाकी है। बुधवार को भी पुरातत्व विभाग की सर्वे टीम ने कमाल मौलाना परिसर में काम किया था। यहां पर शीलालेखों की सफाई का काम चल रहा है। इस पर लिखी भाषाओं का अध्ययन भी किया जाएगा। बताया जा रहा हैं कि फिलहाल, टीम के सदस्य पहले इन स्तंभों और आकृतियों पर केमिकल का इस्तेमाल कर उसकी सफाई करने में जुटे हुए हैं।
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टीम के सदस्यों अलग-अलग समूहों में बांटकर काम कर रहे हैं। 29 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई है। सर्वे रिपोर्ट को लेकर इंटरनल तैयारी की जा रही है। कार्य को लेकर समय बढ़ाने की मांग जो की गई हैं, उसमें कोर्ट के समक्ष अभी तक हुए कार्यों को पेश किया जाएगा।