नींबू विटामिन-सी का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। बढ़ती गर्मी में नींबू पानी सेवन करने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। गर्मी का सीजन शुरू होते ही बाजार में गन्ना रस की दुकानें खुल गई हैं। इसमें मिलाने के लिए नींबू और पुदीना की पत्ती का उपयोग किया जा रहा है। डिमांड के अनुरूप बाजार में नींबू की आवक नहीं हो रही है। नतीजा इसकी कीमतों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में नींबू की फसल लीलर, खरेंगा, अमेठी समेत आसपास के क्षेत्रों में लिया जाता है। किसान लीलाधर पटेल, पीतांबर साहू ने बताया कि इस साल मौसम की दगाबाजी के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है। यही वजह है कि लोकल (Summer) मार्केट में पर्याप्त मात्रा में नींबू नहीं आ रहा है। किसान सुखदेव पटेल, नीमेश पटेल, सोमेश अडिल ने बताया कि नींबू का पौधा तैयार होने में ढाई साल का समय लगता है। तीसरे साल में पौधे में फल आना शुरू होता है।
तरबूज, ककड़ी की आवक शुरू Summer Season Fruit: गर्मी में सर्वाधिक तरबूज, खरबूजा और ककड़ी की बिक्री होती है। अब तो कलिंदर भी मिट्टी से उत्पादित हो रहा है। ज्यादातर धमतरी में तरबूज की आवक राजिम, महासमुंद क्षेत्रों से होती है। धमतरी के नदी क्षेत्रों से ककड़ी की आवक बनी रहती है। फिलहाल इनकी कीमत अभी ज्यादा है। फिर भी अनेक लोग अपने पसंदीदा मौसमी फल को चखने पैसों की परवाह नहीं कर रहे।
ट्रांसपोर्टिंग खर्च में भी हुई बढ़ोत्तरी रायपुर, महाराष्ट्र और नई दिल्ली से भी नींबू की खेप पहुंच रही है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्टिंग खर्च ज्यादा लग रहा है। जबकि लोकल आवक नहीं के बराकर है। यही वजह है कि नींबू की कीमत आसमान छू रही है। मंगलवार को श्यामतराई स्थित थोक सब्जी मंडी में नींबू 400 से 450 रूपए प्रति सैकड़ा के हिसाब बिका। जबकि चिल्हर बाजार में एक नींबू 5 से 7 रूपए बिक रहा है।