इस वर्ष देर से बारिश होने के चलते कृषि कार्य में लेट हुआ और कृषि कार्य प्रारंभ होने के बाद मौसम की दगाबाजी किसानों के लिए मुसीबत का कारण बन गया हैं। आज किसानों की खेतों की स्थिति दयनीय है। किसान बड़ी मुश्किल से खेतों में फसल लगाया है। पौधे जब (Dhamtari Hindi News) बढ़ने का समय आया तो पानी के कमी के चलते अब फसल मरने के कगार पर है।
monsoon upset in CG: खेतों में दरारे आ रही है, जिससे किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए जद्दोजेहद करना पड़ रहा है। ठीक ऐसा ही सोंढूर डैम के नीचे बसे ग्राम सोंढूर, अरसीकन्हार, बेलरबहारा, तुमडीबहार, ठेन्ही, अर्जुनी, बासीन, गाताभर्री के ग्रामीणों के लिए दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
यहां बारहपाली के सदस्य देवीराम शांडिल्य, श्यामल साय ध्रुर्वा, गजराज ओटी, लीलाशंकर, नरेश मांझी ने बताया कि सोंढूर डैम से सिंचाई के लिए कई बार शासन-प्रशासन को यहां नाली निर्माण कर डैम के जीरो पाइंट में किसानों के लिए सिंचाई सुविधा के लिए मांग किए, लेकिन मामला (CG Hindi News) सिफर रहा। अब इस क्षेत्र की अराध्य देवी मां छिंदलई जहां पूरे बारह पॉली का आस्था है।
जब भी गांव में कोई संकट में आता है तो पूरे क्षेत्रवासी मां की शरण में चले जाते हो और वहीं रहते है पूरी टोली के साथ। देवी की पूजा अर्चना कर देवी मां को मनाते है। दूसरे दिन क्षेत्रवासी सुबह से लेकर रात 12 बजे तक देवी की अराध्य में लग जाते है और अब जब तक बारिश नही होगी हम लोग यहीं रहकर देवी मा की भक्ती मे लगे रहेंगे।