उन्होंने बताया कि अब रोपाई कराने पर 45 सौ रूपए का खर्च आ रहा है। इसके बाद भी उन्हें मजदूर नहीं मिल रहा है। इससे किसानों को रोपाई करने में लेटलतीफी हो रही है। किसान पुरूषोत्तम देवांगन, नवीन साहू ने बताया कि रोपा लगाने वाले किसानों के लिए हाल में हो रही बारिश वरदान से कम नहीं है, लेकिन जिन किसानों ने बोयता और लाईचोपी पद्धति से धान लगाया है, उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। बारिश का पानी खेतों में भरने से बीज खराब हो गया है। इससे उन्हें फिर से जुताई और मताई कर बीज का छिड़काव करना पड़ रहा है। इससे प्रति एकड़ उन्हें 2 से 3 हजार रूपए का नुकसान हो रहा है। ऐसे में उनकी चिंता काफी बढ़ गई है।
… तो गांव में भर जाएगा बारिश का पानी किसान रूपराम नेताम, नंदकिशोर साहू, हेमचंद साहू ने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी बाइपास रोड में हो रहा है। शासन की ओर से आवागमन की सुविधा के लिए बाइपास रोड तो बना दिया गया है, लेकिन बारिश के पानी की निकासी के लिए माकूल व्यवस्था नहीं की गई है। यही (Chhattisgarh Hindi News) वजह है कि खेतों का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है। यही स्थिति रही तो अधिक बारिश होने पर खेत जलमग्न हो जाएगा। गांव में भी पानी भर सकता है।
वहीं दूसरी ओर झमाझम बारिश से खेतों में पानी भर गया है। किसानों का कहना है कि यही हाल रहा, तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि (Weather News) धमतरी जिले में इस साल सैकड़ों किसान करीब 1.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगा रहे हैं।