उल्लेखनीय है कि बिलासपुर हाईकोर्ट ने गंगरेल बांध डूबान प्रभावितों के हित में फैसला दिया है। 16 दिसंबर 2020 को अपने फैसले में हाईकोर्ट ने धमतरी जिला प्रशासन को तीन महीने के भीतर व्यवस्थापन संबंधी प्रक्रिया से अवगत कराने का निर्देश दिया था। तीन साल बीतने के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर शुक्रवार को भानपुरी से हटाए जाने के बाद (Dhamtari News) डूबान प्रभावितों ने कलेक्ट्रेट में डेरा डाल दिया। दोपहर 2 बजे से लेकर रात 9 बजे तक वे यहां कलेक्टर से मिलने की आस लेकर बैठे रहे, लेकिन उनका ज्ञापन लेने अधिकारी नहीं आए।
बरसते पानी में डूबान प्रभावित तीरपाल ओढ़कर प्रदर्शन करते रहे। बीवी-बच्चों के साथ पहुंचे प्रभावितों ने कलेक्ट्रेट परिसर में खाना बनाकर खया। अंतत: रात नौ बजे डिप्टी कलेक्टर तेजपाल ध्रुव ने कलेक्टर से उनकी वार्ता 28 जुलाई को कराने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर डूबान प्रभावित लौटे। प्रदर्शनकारियों में जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव, हर्ष मरकाम, आत्माराम, भुनेश्वर, चुनूराम, रामअधीन निषाद, धनसिंग, कुंवर सिंह निषाद, रामेश्वर, मिलाप राम, व्यासु राम, पंडोराम, प्रेमसिंग, नरसिंग, शिवनारायण, फिरतूराम, अमरचंद, इन्द्र कुमार, धनपाल, दूजराम आदि शामिल थे।
सीएस से शिकायत उधर, न्याय की गुहार लगाकर पिछले 7 घंटे तक इंतजार करने के बाद भी कलेक्टर के चेम्बर से बाहर नहीं निकलने तथा उनकी मुलाकात नहीं कराने से (Chhattisgarh hindi news) डूबान प्रभावितों में गहरा रोष है। इसके बाद डूब प्रभावितों के सहयोग के लिए पहुंचे भाजपा नेता देशांत जैन ने प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को वाट्सअप मैसेज कर सारी स्थितियों से अवगत कराया और डूबान प्रभावितों के साथ मुलाकात के लिए समय मांगा।