CG Crime News: जाम हो गया था दरवाजा
तभी कुंदन साहू ने कमरे की खिड़की में लगे ग्लास को तोड़कर अंदर घुसा और धुएं के बीच फंसी सृष्टि को बाहर लेकर आया। सृष्टि को जब कमरे से बाहर लाया गया तो वह बेसुध थी। धुएं के कारण उसे श्वांस लेने में परेशानी हो रही थी। श्याम सोनकर ने बच्ची को इलाज के लिए शहर के एक निजी
अस्पताल में भर्ती कराया है। बच्ची का इलाज जारी है। धुएं के कारण बच्ची को बचाने गए लोगों की तबियत भी बिगड़ गई थी, लेकिन बाद में वे नार्मल हो गए।
बहरहाल पड़ोसी युवक कुंदन साहू की बहादूरी व अन्य लोगों की मदद से सृष्टि बाल-बाल बची। सृष्टि का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। छत्तीसगढ़ महतारी सेवा संस्थान की अध्यक्ष मोहनी साहू ने आगजनी की जानकारी कोतवाली टीआई राजेश मरई को दी। उन्होंने
फायर ब्रिगेड को सूचित किया। 5 मिनट में फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई थी।
बच्ची भर्ती, मां का रो-रोकर बुरा हाल
मासूम बच्ची सृष्टि की मां अंजू चंद्राकर ने बताया कि उनके पति हितेन्द्र चंद्राकर किसी काम से बाहर गए थे। उनके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा टिकेश स्कूल गया था। वह बेटी सृष्टि के साथ बेडरूम में लेटी थी। नींद नहीं आने पर वह घर में ही काम कर रही थी। दोपहर करीब 1.15 बजे शार्ट-सर्किट से आग लगी और यह घटना हुई। इस घटना के बाद से बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। सृष्टि का इलाज निजी अस्पताल में जारी है।