महिला उर्मिला मानिकपुरी व कुमारी बाई मानिकपुरी ने बताया कि शासन की ओर से लाखों रुपए खर्च कर जलजीवन मिशन के अंतर्गत गांव में टेपनल कनेक्शन लगाया गया है, लेकिन दो साल बाद भी इनके हलक सूखे हुए हैं। नीचे पारा में लगाए गए बोर के सहारे ही गांव के नयापारा, सिंघोलापारा और बांसपारा के ग्रामीणों को टैंकर से पानी सप्लाई होती है। निस्तारी के लिए तालाब है, लेकिन वह भी गर्मी के चलते सूख चुका है।
मतदान का करेंगी बहिष्कार थोड़ी दूर चलने पर नीचेपारा तालाब के पास मानकी मानिकपुरी हैंडपंप से पानी निकालने का प्रयास कर रही थीं। उसने बताया कि करीब आधे घंटे से महिलाएं हैंडपंप को ओट रही है, लेकिन एक बूंद नसीब नहीं हो सका। महिलाओं ने बताया कि करीब 1666 की आबादी वाले कुकरेल गांव की मुख्य समस्या पेयजल है। उन्होंने खींझते हुए कहा कि यदि इस समस्या का अब समाधान नहीं हुआ, तो वे मतदान में हिस्सा नहीं लेंगी।
राशन कार्ड नहीं बना, आवास भी नहीं पेंशन को लेकर भी महिलाओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की। महिला रामदुलारी, चंपा बाई ने बताया कि पात्रता रखने वाली महिलाओं ने पंचायत में कई बार आवेदन किया, लेकिन आवेदन निरस्त होने से उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। बरसों से इसी गांव में निवास कर रहे संतदास मानिकपुरी शासकीय दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न राशन कार्ड बना और न ही पीएम आवास का लाभ मिला।
सुध लेने वाला भी कोई नहीं ग्रामीण युवाओं की चिंता यहीं पर समाप्त नहीं होती। पानी, बिजली, सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं के अलावा उन्हें रोजगार के संकट से भी जूझना पड़ रहा है। युवा योगेन्द्र कोर्राम व भागवत प्रसाद मानिकपुरी ने बताया कि अधिकतर ग्रामीणों के पास फसल उगाने के लिए जमीन नहीं है। रोजगार गारंटी का काम गिने-चुने व्यक्तियों को मिल रहा है। स्थिति ऐसी है कि युवाओं के साथ ही महिलाओं को रोजगार संकट का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है।
चुनाव के दौरान आती है यादसिहावा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुकरेल को भूपेश सरकार से उपतहसील का दर्जा तो मिल गया है, लेकिन यहां शासकीय दफ्तरों में समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। समस्या के बारे में पूछने पर पंचायत प्रतिनिधियों की पीड़ा उभर कर सामने आई। उन्होंने बताया कि यहां पंच और सरपंच सिर्फ नाम के रह गए हैं। चुनाव के दौरान ही बड़े नेताओं को कुकरेल के ग्रामीणों की याद आती है, बाकी समय सब अपने में मस्त रहते हैं।