सांठगांठ की वजह से नहीं हट रही राइस मिल गांव के बाजार चौक में महिला रामबाई यादव, लक्ष्मी बाई यादव और अंजनी शर्मा बैठी हुई थीं। प्रदूषण की बात छेड़ने पर उन्होंने बिफरते हुए कहा, राइस मिलर्स और अधिकारियों के बीच सांठगांठ है। शायद यही वजह है कि आंदोलन करने के बाद भी आज तक इस क्षेत्र से राइस मिल नहीं हटी है। भुनेश्वरी पटेल, सुलोचना यादव व बसंती साहू ने बताया कि चरमुड़िया में ही पांच राइस मिलें है। (CG vidhan sabha chunav) प्रतिदिन घर की छतों पर राखड़ जम जाता है। इसके चलते कई लोग श्वांस की बीमारी से भी जूझ रहे हैं।
शराब और गांजा युवाओं को कर रहा बर्बाद वार्ड पंच बेदबाई यादव व वरिष्ठ ग्रामीण तारकचंद साहू ने बताया, प्रदूषण के बाद इस क्षेत्र में शराब और गांजा जैसे मादक पदार्थों का कारोबार फल-फूल रहा है। (Assembly Election 2023) स्कूली बच्चे भी नशे के आदी हो रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध का उन पर असर नहीं होता है। पुलिस भी मूक दर्शक बनी हुई है।
आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी रेखा साहू, मालती पटेल व कौशिल्या साहू ने बताया, गोठानों का निर्माण होने से आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है। वे गोबर से पेंट व खाद बनाकर बेच रही हैं। इससे उन्हें आमदनी हो रही है। ग्राम चर्रा के जितेन्द्र साहू, होरीलाल सिन्हा व महेन्द्र ध्रुव ने बताया कि नलजल योजना का विकास होने से अब पानी की समस्या से काफी हद तक राहत मिल गई है।
भारी वाहनों से सड़क जर्जर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मंदरौद, मेघा, बड़ी करेली, सिर्री, चर्रा, चरमुड़िया में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। वर्तमान में इनमें से कई गांव की सड़कें जर्जर हो गई है। इसकी एकमात्र वजह भारी वाहनों का आवागमन है। (Assembly Elections 2023) इस क्षेत्र में सबसे अधिक रेत खदानें है, जहां से हर रोज सैकड़ों की तादाद में भारी वाहन गुजरते हैं। कई बार इनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवाज उठ चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
संकट में तालाब का अस्तित्व गर्मी बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में पेजयल संकट भी गहरा रहा है। कई घरों में लगे टेपनलों के हलक आज भी सूखे हुए हैं। निस्तारी के लिए 5 तालाब है, लेकिन देखरेख के अभाव में इन तालाबों का अस्तित्व संकट में आ गया है।