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डिजिटल आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम में साइबर विशेषज्ञ वीरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय में फिशिंग, हैकिंग, रैनसमवेयर और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इनसे बचने के लिए उपयोगी टिप्स साझा किए।
ऑनलाइन सुरक्षा के उपाय जैसे मजबूत पासवर्ड का उपयोग, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और सुरक्षित ब्राउजिंग की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। कालेज की प्राचार्य डॉ अनिता राजपुरिया ने कहा कि डिजिटल युग में साइबर क्राइम का खतरा लगातार बढ़ रहा है। जागरूकता और सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। इसी तरह बीते दिनों एसबीआई के मुख्य ब्रांच में लैग ऑफ सेरेमनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुय अतिथि डीएसपी नेहा पवार थी।
उन्होंने साइबर अपराध से बचने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। साइबर सेल के विशेषज्ञों ने बताया कि अननोन पर्सन से कभी भी ओटीपी शेयर न करें। साइबर अपराध होने पर तत्काल इसकी सूचना 1930 में दर्ज कराए। मौके पर डॉ डीआर चौधरी, डॉ रोहिणी मरकाम, डॉ जेएल पाटले, राजेश कुमार, हुकेश मारकंडेय, दानेश्वर साहू, रामचंद सोनी, आकाश साहू, दामिनी ठाकुर, रोली जांगड़े, डॉ जयश्री रणसिंह, तीजन साहू, पूर्णिमा साहू, सुषमा साहू, गीतांजलि टंडन, नरेंद्र साहू, सतीश साहू आदि उपस्थित थे।
हर महीने ठगी के आ रहे 10 केस
एसबीआई ब्रांच मैनेजर अजय प्रसाद ने बताया कि हर महीने ठगी के एसबीआई में 10 केस रिपोर्ट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध को लेकर एसबीआई विशेष अभियान चला रही है। इस तरह के अपराध से बचने के लिए सावधानी पहली प्राथमिकता है। संदिग्ध लिंक को कभी भी क्लिक न करें। गूगल से किसी तरह के एप या अन्य डाउनलोड करने से सतर्क रहे। स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड नहीं करें, बैंकिंग प्रश्नों के लिए अपने बैंक से संपर्क करें, किसी तरह की लालच के जाल में न फंसे गोपनीय जानकारी शेयर न करें।