Angarmoti Mata Mandir: यहां विराजी हैं माता अंगारमोती, आइये जानते हैं इनकी महिमा..
Angarmoti Mata Mandir: माता अंगारमोती की प्रतिमा धमतरी जिले में दो स्थानों पर स्थापित है। गंगरेल में माता का पैर स्थापित है, वहीं रुद्रीरोड सीताकुंड में माता का धड़ विराजमान है।
Angarmoti Mata Mandir: गंगरेल बांध के डूब में आए 52 गांवों की अधिष्ठात्री देवी मां अंगारमोती की महिमा अपरंपार है। यहां के लोग बताते हैं कि धमतरी में गंगरेल बांध के बनने से पहले यहां कुल 52 गांव हुआ करते थे।
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Angarmoti Mata Mandir: इन गांवों की स्थापना से पहले ही यहां माता की मूर्ति स्वतः जमीन से प्रकट हुई। इस तरह इन गांवों के लोग अंगारमोती माता को अपनी अधिष्ठाता देवी मानने लगे।
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Angarmoti Mata Mandir: बांध बनते वक्त माता की मूर्ति को मूल स्थान से हटाकर दूसरे मंदिर में स्थापित किया गया और आज भी निरंतर उनके दर पर आस्था की ज्योत जलती है।
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Angarmoti Mata Mandir: जानकारी के मुताबिक सन् 1973 में गंगरेल बांध बनने के पहले इस क्षेत्र में 52 गांव का वजूद था। शारदीय नवरात्र के अवसर पर दूर-दूर से लोग यहां माता के दर्शन को पहुंच रहे हैं।
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Angarmoti Mata Mandir: माता के मंदिर के आस-पास मेला लगा है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का यह विश्वास है कि मां अंगारमोती माता की आराधना से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
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Angarmoti Mata Mandir: महानदी, डोड़की नदी और सूखी नदी के संगम पर ही तीन गांव चंवर, बटरेल व कोरलम स्थित थे। जनश्रुतियों के अनुसार मां अंगारमोती अंगिरा ऋषि की पुत्री हैं, जो धरती से प्रकट हुई हैं।
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Angarmoti Mata Mandir: पूर्व में इन गांवों की टापू पर स्थित मां अंगारमोती की मूर्ति को बांध बनने के बाद बांध किनारे ही स्थापित कर दिया गया। अभी भी 52 गांव के ग्रामीण शुभ कार्य की शुरूआत के लिए मां अंगारमोती के दरबार पहुंचते हैं।