महंगाई का असर बढऩे से लोगों ने खरीदी कम कर दी है। कई ऐसे परिवार जो पहले १५ लीटर तेल का डिब्बा खरीदते थे वो अब 5 लीटर का डिब्बा खरीदकर ले जा रहे हैं। वहीं आटे की बोरी की खरीदी में भी कमी देखी जा रही है।दिक्कत यह है कि अब गेहूं भी 400-500 रुपए तक महंगा हो गया है, ऐसे में राहत गेहूं खरीदकर पिसवाने में भी नहीं है।
सरसों तेल पर महंगाई का अधिक असर नहीं
सूरजमुखी, सोयाबीन का तेल विदेशों से भी आयात होता है। ऐसे में इनके दामों में अधिक बढ़ोतरी रूस-यूके्रन युद्ध के बाद देखने को मिली है। इसके उल्ट सरसों तेल देश में ही अधिकांश उत्पादन होने से इसके दामो में अधिक बदलाव नहीं आया है। किराना व्यापारी महेश माटानी ने बताया पिछले दिनों में सरसों तेल के कुछ ब्रांड में दाम तीन-चार रुपए कम हुए हैं।
इस तरह महंगी हुई खाद्य सामग्री
किराना व्यापारियोंं से मिली जानकारी के अनुसार बाजार में आटा २४ रुपए प्रति किलो मिल रहा था जो बढ़कर २८ रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं जीरा पिछले माह 160 रुपए किलो तक था जो बढ़कर २५० प्रति किलो पहुंच गया है। सूरजमुखी का तेल १४० रुपए लीटर मिल रहा था वो बढ़कर 170 तक पहुंच गया है। इसी तरह सोयाबीन १२५ रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 160 तक हो गया है। मूंगफली का तेल 150 से बढ़कर 165 के पार पहुंच गया है। हींग के दाम में प्रति किलो ४००० रुपए की बढ़त दर्ज क ी गई है। पहले हींग 16000 रुपए किलो मिल रही थी जो अब बढ़कर 20000 रुपए तक पहुंच गई है।