वहीं, पुलिस जब वहां पहुंच महिला के बैग की तलाशी ली तो उसके बैग से चाकू मिला। महिला ने कहा कि यह चाकू वह खुद की सुरक्षा के लिए रखी हुई है। वह बता रही थी कि भीड़ ने जब मुझे घेरा तो मैं चाकू निकालकर बोली कि अगर पीटोगे तो मैं खुद ही चाकू मार लूंगी। उसके बाद भीड़ उससे दूर हो गई।
पूछताछ के दौरान महिला अपना नाम शीतल, तो कभी सुमन और कभी कविता बताती थी। खुद को बैतूल का निवासी बताती थी। पुलिस को देख महिला ने मोबाइल से सिम कार्ड भी निकालकर फेंक दी। बाद में उसी गांव के युवक सुील राठौर ने उसकी पहचान की कि यह मेरी पत्नी है। महिला रात को घर से चोरी कर भागी है। महिला ने बताया कि वह लोगों से बचने के लिए पुरुष परिधान में घूम रही थी।
पीड़ित युवक सुनील ने पुलिस को बताया कि गांव के ही दो लोग और महिला के परिजनों ने झूठे रिश्तेदार बनकर मेरा विवाह हरदा के पास किसी मंदिर में करवाया था। इसके बदले में इनलोगों ने युवक से 80 हजार रुपये लिए। विवाह के बाद खुद को कविता बताने वाली महिला ससुराल में आठ दिन तक रही। उसने अपने व्यवहार से लोगों को खुश किया। उसके बाद लड़के की मां ने उसे चांदी के पायजेब दिए। उसी रात चांदी के पायजेब और अन्य सामान लेकर वह भाग गई।