बताते चलें कि रुद्रपुर क्षेत्र में आवारा पशुओं द्वारा खेत में फसलों को खा जाने और उसे बर्बाद करने की सूचना हाल के दिनों में आम होती जा रही थी। किसानों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नही लेने से आक्रोश बढ़ता जा रहा था। रुद्रपुर से सटे खजुहा गांव के लोगों ने इसे लेकर तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया था लेकिन प्रशासन ने उसे भी गंभीरता से नहीं लिया। प्रशासन द्वारा मामले में कोई रुचि नहीं लेने के बाद प्रभावित इलाके के नौजवानों ने तीन दिन तक मेहनत कर करीब एक सौ बछड़ों को पकड़ कर बांधा।
उसके बाद सैकड़ों की संख्या में किसान अवारा पशुओं को घेरे में लेकर तहसील में प्रदर्शन करने के लिए निकले। अवारा पशु कस्बे के आदर्श चौराहा से आगे नहीं बढ़ रहे थे। जिस पर किसानों ने चौराहा को घेर कर वहीं जाम लगा दिया। लोगों ने पशुओं के खाने के लिए गांव से एक ट्राली पुआल भी लाकर डाल दिया। जाम की सूचना मिलते ही दोपहर करीब 12 बजे सीओ ब्रजेन्द्र राय पहुंचे।
उन्होंने किसानों को समझाते हुए जाम समाप्त करने की भरपूर कोशिश की लेकिन किसानों ने आवारा पशुओं को कहीं दूर भेजने की बात करते हुए जाम लगाए रखा। जाम से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए करीब तीन घण्टे बाद एसडीएम, सीओ, कोतवाली प्रभारी व नगर पंचायत के लोग मौके पर पहुंचे। लम्बी वार्ता के बाद प्रशासन को तुरंत ट्रक मंगाकर बछड़ों को लदवाना पड़ा। इसके बाद किसानों ने जाम समाप्त किया। आंदोलन के चलते करहकोल, निबहीं, असवनपार व नरायनपुर मार्ग पर सात घंटे तक आवागमन ठप रहा।
by Surya Prakash Rai