सोमवार को शिव साधना के फायदे
पंडित प्रतीक मिश्र ने बताया कि देवाधिदेव महादेव शंकर के पूजन में सावन के सोमवार का अत्यंत महत्व है। श्रावण मास का पहला सोमवार आज ( 22 जुलाई) को है। पुराणों में उल्लेख है कि सामान्य दिनों की अपेक्षा सावन में इस संयोग में शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर कई गुना फल की प्राप्ति होती है। सच्चे मन से भोले नाथ की पूजा करने पर अकाल मृत्यु , दाम्पत्य जीवन के दोष, निरोगी काया जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही धन-धान्य, सुख, निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
इसलिए शिव को प्रिय है सावन
जानकार बताते हैं कि देवों के देव महादेव को सावन अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि भगवान विष्णु के सो जाने पर सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का चलाते हैं, इसलिए देश भर से शिव भक्तों की भीड़ मंदिरों में पहुंचती है। शिवभक्त सावन सोमवार के दिन ( Sawan Vrat ) उपवास रखते हैं।
सावन में इस बार चार सोमवार
इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। इन्हें अत्यंत फलदायक और शुभ माना गया है। पहला सोमवार आज 22 जुलाई को है। दूसरा 29 जुलाई को, तीसरा 05 अगस्त को व 12 अगस्त को चौथा सोमवार है। इसके साथ ही सोमवार के अगले दिन मासिक शिवरात्रि 30 जुलाई को सावन में पड़ रही है।
सावन के मंगलवार का भी अपना महत्व
सावन में मंगलवार का दिन माता गौरी के लिए होता है। इस दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। मंगला गौरी व्रत के दिन शिवरात्रि का पड़ना अपने आप में विशेष महत्व रखता है।
यूं करे सोमवार को महादेव की पूजा ( Sawan Somvar Puja Vidhi )
सावन सोमवार व्रत दिन के तीसरे पहर यानी शाम तक रखा जाता है। व्रत रखने वाले शिव भक्त को सूर्योदय से पहले दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर स्नान कर भगवान शिव की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग गंगाजल से धोकर साफ करना चाहिए। इसके बाद तांबे के लोटे या किसी बर्तन में जल भर उसमें गंगा जल मिलाकर, भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहिए। जलाभिषेक के बाद भोले नाथ पर सफेद फूल, अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करना चाहिए। इसके बाद ”ऊं नम: शिवाय” का जाप करना चाहिए। शिव चालिसा व आरती का पाठ कर पूजन करना चाहिए।
शिवालयों में भक्तों का रेला
उत्तराखंड में इस समय कावड़ यात्रा जोर-शोर से चल रही है। बड़ी संख्या में शिव भक्त दून व नीलकंठ मंदिर भी पहुंच रहे हैं। शिव भक्तों के दूर दराज इलाकों से आगमन को देखते हुए हरिद्वार के प्रमुख शिवालयों में दक्षेश्वर महादेव मंदिर, नीलेश्वर महादेव मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, तिलभाणडेश्वर मंदिर, बिल्वेकेश्वर महादेव मंदिर में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।