अमरीकी चार्ज डी एफेयर्स ने साइट अवलोकन के दौरान विभिन्न दर्शनीय पलों को अपने कैमरे में कैद किया। इस दौरान बावडी़ के चारों ओर लगी रैङ्क्षलग की जानकारी लेने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया की सेल्फी लेने व लोगों के सीढिय़ों पर चढऩे उतरने के दौरान हादसे को लेकर एहतियात के कारण यह सुरक्षा रैङ्क्षलग लगाई गई हैं।
बावड़ी के इतिहास की ली जानकारी…..
गाइड़ विजय कुमार सावरिया ने लसीना को चांदबावडी़ के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि बावड़ी का निर्माण आठवीं व नवीं सदी में निकुंभ राजवंश के राजा चांद ने किया था। आठवीं शताब्दी के बाद से सीढ़ीदार कुएं का सबसे पुराना हिस्सा उपरी महल की इमारत को साइड में जोड़ा गया था। यह करीब 19.5 मीटर गहरी और योजना में वर्गाकार हैं।
बावड़ी को बताया अद्भुत
उन्होंने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के रजिस्टर में इन्द्राज करते हुए अपना ओपिनियन दिया कि वे अपने परिवार के साथ चांदबावड़ी का दीदार करने के लिए उत्साहित थी, लेकिन यह उनकी कल्पना से भी अधिक शानदार व अविश्वसनीय रूप से आश्चर्य जनक रहा। साथ ही उन्होंने भ्रमण के दौरान रहे ट््यूर गाइड विजय सावरिया की सेवाओं को बेहतरीन बताया और वापस लौटते समय स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस दौरान जिला कलक्टर द्वारा चांदबावडी़ की तस्वीर लसीना को भेंट की गई।