बाद में गंभीरावस्था में हाथ-पैरों को बंाधकर घसीटते हुए कुटिया से सौ मीटर दूर माल गोदाम कक्ष में बन्द कर ताला लगा दिया और चोरी की घटना को अंजाम दिया। सुबह होश आने पर गंाव वालों को मदद के लिए आवाज लगाई तो आश्रम पर पहुंचे ग्रामीणों ने संत को कक्ष में बंद देखकर घटना की सूचना पुलिस को दी। संत ने बताया कि बदमाश दानपेटी व बक्से के ताले तोड़कर व बैग में रखी पचास -साठ हजार रुपए की नकदी, सोने के तीन छत्र व बालाजी मन्दिर पर लगे चांदी के दो छत्रों को ले गए। इधर, सूचना पर सिकंदरा थानाधिकारी कुशाल सिंह व गीजगढ़ चौकी प्रभारी हरिराम मय व एमओबी टीम के गोविन्द प्रसाद शर्मा जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेकर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों व पुलिस ने घायल संत का गीजगढ़ सामुदायिक चिकित्सालय में उपचार कराया।
घटना स्थल पर मिले खून व घसीटने के निशान
संत के सिर पर गहरी चोट व मारपीट के कारण निकला रक्त कई जगह फैला हुआ मिला। इसके अलावा संत को घसीटने के निशान भी मिले।
तीन अलग अलग जगह पड़ी मिली दानपेटियां
कुटिया के कमरे में रखी दान पेटियों को चोर मन्दिर के पीछे अलग अलग स्थानों पर ले जाकर उनका तालों को हथोड़े से तोड़कर नकदी व अन्य सामान पार कर ले गए।
संत के कपड़ों को उतारकर बनाया बंधक संत रघुवीर दास ने बताया रात को टीनशैड के नीचे सो रहे थे। तभी चार पांच बदमाशों ने आकर हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया। बाद में कपड़े उतारकर बन्धक बना कमरे में पटक गए और जाते वक्त बाहर की कुन्दी लगा गए।