scriptRajasthan Rain: 43 साल बाद एक माह से बह रही यह नदी, पानी बचाने के लिए ग्रामीणों ने बनाई ये ‘योजना’ | Rajasthan Rain: Morel river is flowing for one month after 43 years | Patrika News
दौसा

Rajasthan Rain: 43 साल बाद एक माह से बह रही यह नदी, पानी बचाने के लिए ग्रामीणों ने बनाई ये ‘योजना’

Rajasthan Rain: 43 साल बाद इस बार मोरेल नदी में बीते एक माह से पानी की आवक हो रही है। इससे पहले सन 2014 में एक-दो दिन के लिए नदी में पानी बहा था, लेकिन 1981 की बाढ़ के बाद पहली बार नदी में इतने दिनों तक पानी बह रहा है।

दौसाSep 19, 2024 / 12:30 pm

Santosh Trivedi

moreal river rajasthan
रामगढ़ पचवारा (लालसोट)। नालावास गांव में मोरेल नदी पर कच्चा बांध बनाने का ग्रामीणों का प्रयास लगभग सफल होने के बाद अब रामगढ़ पचवारा क्षेत्र में मोरेल नदी के किनारे बसे गांवों में भूल स्तर में बढ़ोतरी व जल संरक्षण के प्रति जागरुकता नजर आने लगी है।
इसी जागरुकता के चलते लालसोट-तूंगा रोड के पास बसे राणौली पुलिया के समीप रामनगर रेवड़ी, बिछ्या, राणौली, हमीरपुरा गांवों के सैकड़ों ग्रामीण बीते दो दिनों से मोरेल नदी का पानी रोक कर एक अस्थाई बांध का निर्माण करने के प्रयास में जुटे हैं। पूरा कार्य जन सहयोग से ही किया जा रहा है। कुछ ग्रामीणों द्वारा शुरू किया गया यह कार्य अब वृहद स्तर पर जारी है और लगातार ग्रामीण मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इस कार्य में करीब दो दर्जन ट्रैक्टरों के साथ तीन जेसीबी मशीनों का भी प्रयोग करते हुए पानी का बहाव रोकने के लिए मिट्टी की पाल तैयार की जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार मोरेल नदी में अभी भी पचास फीट क्षेत्र में दो फीट पानी की आवक बनी हुई है। क्षेत्र में जल सतर बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर मोरेल नदी का पानी रोकने के लिए राणौली पुलिया के पास करीब तीन सौ फीट की लम्बाई में पाल बनाई जा रही है।
अभी नदी में पानी का ज्यादा बहाव भी नहीं है, जिसके चलते पाल में कटाव या टूटने का डर नहीं है। कच्चा बांध तैयार करने में जुटे संसाधानों को देखने के लिए बुधवार को दिनभर लोगों की भीड़ जुटी रही। गौरतलब है कि झिलमली बांध में चादर चलने और टोरडवास व सिंगपुरा गांव में तैयार किए गए कच्चे बांध टूट जाने के कारण मोरेल नदी में लगातार पानी की आवक बनी है।

43 साल बाद एक माह से बह रही नदी

क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि 43 साल बाद इस बार मोरेल नदी में बीते एक माह से पानी की आवक हो रही है। इससे पहले सन 2014 में एक-दो दिन के लिए नदी में पानी बहा था, लेकिन 1981 की बाढ़ के बाद पहली बार नदी में इतने दिनों तक पानी बह रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पचवारा क्षेत्र में भूजल का स्तर काफी नीचे गिर चुका था। इस वर्ष जोरदार बारिश व नदी में पानी की आवक से जलस्तर बढ़ा है, लेकिन इस अस्थाई कच्चे बांध से कुछ माह तक जल भराव बना रहता है तो लंबे समय तक फायदा होगा।

विधायक ने भी बंटाया हाथ

राणौली गांव में बुधवार को विधायक रामबिलास मीना भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की पहल की सराहना करते हुए काफी देर तक ट्रैक्टर चला कर मिट्टी को समतल करने का कार्य कर हाथ बंटाया। उन्होंने बताया कि फिलहाल मोरेल बांध भी भर चुका है। नदी का पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। ग्रामीणों के इस प्रयास से जल स्तर बढ़ेगा। भविष्य में पचवारा क्षेत्र में भी समेल की तरह गाइड लाइन के अनुसार एक छोटा एनिकट बनाने की संभावना पर विचार किया जाएगा।

Hindi News/ Dausa / Rajasthan Rain: 43 साल बाद एक माह से बह रही यह नदी, पानी बचाने के लिए ग्रामीणों ने बनाई ये ‘योजना’

ट्रेंडिंग वीडियो