दौसा

हॉट सीट दौसा से जसकौर-सविता के अलावा अंजू धानका के ताल ठोकने से और रोचक हुआ मुकाबला

Dausa Lok Sabha Constituency के लिए 6 मई को दूसरे चरण में मतदान होना है, जहां कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। 11 उम्मीदवारों में छह पुरुष और 5 महिलाएं हैं।

दौसाMay 01, 2019 / 03:22 pm

Santosh Trivedi

दौसा। Rajasthan Election Hot Seat – दौसा से 2014 में सांसद बने हरीश मीणा के कांग्रेस में जाने के बाद BJP नेतृत्व को इस सीट पर नाम तय करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। पार्टी ने सबसे आखिर में इस सीट से राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी के बावजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री जसकौर मीणा को चुनाव मैदान में उतारा। इसी वजह से यह सीट हाॅट सीट बन गई है।
 

मुख्य मुकाबला जसकौर मीणा और सविता मीणा के बीच
Dausa Lok Sabha Constituency के लिए 6 मई को दूसरे चरण में मतदान होना है, जहां कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन 11 उम्मीदवारों में छह पुरुष और 5 महिलाएं हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी और Congress उम्मीदवार सविता मीणा और भाजपा की जसकौर मीणा के बीच है। हालांकि दौसा लोकसभा सीट से सविता मीणा और जसकौर मीणा के अलावा तीन अन्य महिलाएं अंजू धानका, बिमला देवी मीणा और भारती मीणा भी चुनाव मैंदान में हैं।
 

8 विधानसभा सीटें आती है दौसा लोकसभा क्षेत्र में
दौसा संसदीय सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें दौसा जिले की बांदीकुई, महुआ, सिकराय, दौसा, लालसोट आैर जयपुर जिले की बस्सी, चाकसू व अलवर जिले की थानागाजी विधानसभा सीट शामिल है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बांदीकुई, सिकराय, दौसा, लालसोट और चाकसू सीट पर कांग्रेस जीती, जबकि थानागाजी, बस्सी और महुआ सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया। इस लिहाज से दौसा की 8 सीटों में से 5 पर कांग्रेस का कब्जा है।
 

अंजू धानका के ताल ठोकने से और रोचक हुआ मुकाबला
बस्सी से दो बार विधायक रह चुकी अंजू धानका दौसा से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। अंजू धानका के ताल ठोकने से दौसा लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण बिगड़ गए हैं। दौसा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। दौसा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति में मुख्य रूप से मीणा जाति आती है।
 

दौसा से कुल 11 उम्मीदवारों में से 10 मीणा जाति के हैं वहीं एक धानका जाति की है। अंजू धानका बस्सी से 2008 और 2013 में विधायक बनी थीं। इस दौरान बस्सी विधानसभा सीट पर मीणा और एंटी मीणा फैक्टर के चलते अंजू धानका को जीत मिली। हालांकि पूर्व विधायक अंजू धानका 2014 में भी दौसा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं वे 2018 का विधानसभा चुनाव बस्सी से हार गई।
 

कभी राजेश पायलट के नाम से जानी जाती थी दौसा सीट
दौसा लोकसभा सीट एक समय कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी और इसे कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट के नाम से जाना जाता था। दौसा से राजेश पायलट 1984, 1991, 1996 और 1998 में सांसद बने। उनके निधन के बाद साल 2000 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी रमा पायलट विजयी हुईं, जबकि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उनके पुत्र Sachin Pilot चुनाव जीते।
 

2014 के लोकसभा चुनाव में बहुत ही राेचक मुकाबले में दाैसा से पूर्व आईपीएस अधिकारी हरीश मीणा ने अपने ही बड़े भाई पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नमोनारायण मीणा को हराया था। दूसरे नंबर पर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा रहे, कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। 2009 में दाैसा से किराेड़ी लाल मीणा ने बताैर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीता था।

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