उल्लेखनीय है कि जयपुर में 2 अक्टूबर को छात्र व किसान हित में नरेश मीणा के नेतृत्व में सत्याग्रह आंदोलन का कार्यक्रम प्रस्तावित था। इसके प्रचार के लिए छात्रनेता दौसा आए थे। पुलिस ने उनको सभा करने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद वे गांधी तिराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा को माला पहनाकर जयपुर की ओर जा रहे थे। तभी पुलिस ने उनके वाहनों के शीशे तोड़ लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद 25 छात्रों को कोतवाली पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में हिरासत में लिया।
पत्रकारों से छात्र नेता नरेश मीना ने कहा कि दौसा की धरती पर पण्डित नवल किशोर एवं राजेश पायलट जैसे महान नेता हुए। यदि आज वे नेता जिंदा होते तो दौसा के ऐसे हालात कभी नहीं पैदा नहीं होते। वे छात्र व किसान हित के लिए सरकार से लडऩे के लिए गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह कर रहे हैं, फिर भी उनको गरीबों के हितों में काम नहीं करने दिया जा रहा है।
जयकारे लगाते गए कोतवाली थाना पुलिस जब छात्रों को सरकारी बस से कलक्ट्रेट परिसर स्थित एसडीएम कार्यालय में पेश करने ले गई तो छात्र बस में ही जयकारे लगा रहे थे। कई छात्र बाइकों पर ही बार-बार में अपने मोबाइलों पर फोटो ले रहे थे। कोतवाली में उनकी जमानत होते ही छात्रनेता के साथ सैल्फी लेने वाले छात्रों में होड़ मच गई। यह मामला सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है।
लाठी भांजना दुर्भाग्यपूर्ण-मीना प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीना भी कोतवाली थाने में बंद छात्रनेता नरेश मीना एवं अन्य छात्रों से मिलने पहुंचे। मीना ने कहा कि सभी को अपनी मांग मनाने के लिए विरोध, प्रदर्शन एवं सत्याग्रह करने का अधिकार है। प्रशासन ने इनको मिटिंग करने की अनुमति नहीं देकर गलत किया और पुलिस ने गांधी जी की प्रतिमा पर माला अर्पण करते वक्त लाठियां भांजी वह भी दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस व प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं।
इन्हें किया गिरफ्तार
कोतवाली थाना पुलिस ने बारां जिले के मोठपुर निवासी छात्रनेता नरेश मीना, विक्रम मीना, हरिमोहन मीना, विशम्भर मीना, राहुल मीना, मुकेश कुमार, हेमंत कुमार, चेतन कुमार, जितेन्द्र कुमार, हरज्ञान, गणेश, राजकुमार, राकेश कुमार,चन्द्र प्रकाश, हेमंत कुमार, रवि मीना, बाबूलाल, इन्द्र कुमार, सर्वेस कुमार, देशराज, उमेश चन्द, संजय कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, अर्नेश कुमार, नटराज व धीरज कुमार मीना आदि को गिरफ्तार किया था।