उन्होंने कहा कि प्रदेश में मीना समाज के हिसाब से सबसे अहम स्थान दौसा जिले का नांगल-प्यारीवास है, यहां पर किया निर्णय अहम होता है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जो भी समस्याएं है उनको सरकार को अवगत करा कर समाधान कराया जाएगा। उन्होंने समाज में अनमेल विवाह, दहेज प्रथा, अन्र्तजातिय विवाह रोकने का आग्रह किया है।
जिलाध्यक्ष घासीलाल ग्रामीण ने कहा कि समाज में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग के लिए जिला कलक्टर के मार्फत सरकार को प्रतिवेदन भेजा जाएगा। महामंत्री डॉ. मोहन लाल मीना ने शिक्षा पर जोर देते हुए समाज को एकजुट रहने पर बल दिया। उन्होंने मृत्युभोज, दहेज प्रथा का विरोध किया। पार्षद एवं समाज के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार मीना ने महिलाओं को संगठन में स्थान देने का आग्रह किया।
रामगढ़ पचवारा अध्यक्ष ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर एकता पर बल दिया। कृषि विभाग दिल्ली में सहायक आयुक्त ने बागवानी व फलों की खेती पर जोर देते हुए कहा कि समाज के लोगों को आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। वरिष्ठ अध्यापक सुनीता मीना ने युवा पीढी से सही दिशा में आगे बढऩे का आग्रह किया। इस अवसर पर छात्रावास वार्डन डॉ. शम्भूदयाल मीना से छात्रावास में प्रवेश दिलाने की मांग की।
कार्यक्रम में सभी तहसीलों के अध्यक्षों एवं समाज के अन्य कईवक्ताओं ने समाज सुधार से जुड़े विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में पौषबड़े, व प्रसादी वितरण की। कार्यक्रम का संचालन एनआर बालोत ने किया। कार्यक्रम में डॉ. सीएल मीना, दौसा अध्यक्ष प्रहलाद मीना, डॉ. जेपी मीना, आरपी मीना, रामभजन मीना, बद्री नारायण मीना आदि मौजूद थे।