सोमवार को डाक बंगले में विधायक मुरारीलाल मीणा की अध्यक्षता में तैयारी बैठक आयोजित की गई। इसमें प्रत्येक विधानसभा में किसान महापंचायत के प्रचार-प्रसार के लिए 21-21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। विधायक ने बताया कि कमेटी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जाकर कृषि कानूनों के विषय में किसानों को अवगत कराएगी और इस कृषि कानून से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से व्याख्या करेगी। साथ ही किसानों को बिलों के विरोध में ज्यादा से ज्यादा संख्या में दौसा किसान महापंचायत में पहुंचने के लिए आह्वान किया जाएगा। विधायक ने कहा कि किसान रैली में 1 लाख लोगों को पहुंचने का लक्ष्य है। यदि इन बिलों का विरोध नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। किसानों का भविष्य को बर्बाद करने वाला यह तीनों विधेयक है। महापंचायत में प्रदेश स्तर से कई नेताओं व किसान पदाधिकारियों के शामिल होने की भी उम्मीद है।
बांदीकुई विधायक गजराज खटाना ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कुचलना चाहती है और उद्योगपतियों को बढ़ावा दे रही है। किसान महापंचायत में सभी किसान पहुंचकर विरोध दर्ज करें। निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़ ने कहा कि कांग्रेस का अंतिम छोर पर बैठा हुआ कार्यकर्ता भी इन किसान विरोधी काले कानूनों का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है। मानगंज व्यापार एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश चौधरी ने कहा कि सबसे पहले मंडी व्यापारियों ने कृषि कानूनों का विरोध किया था। अब महापंचायत में भी मंडी बंद रखकर पूरी भागीदारी निभाई जाएगी।
इस दौरान अवधेश शर्मा, इन्द्र मीना, जुगलकिशोर आलूदा, रामसिंह कसाना, सुरेन्द्रसिंह गुर्जर, घनश्याम शर्मा, उमाशंकर, प्रीतिपाल सिंह, महेन्द्र आनंद, शरद नागर, नरेन्द्र जैमन, सियाराम सत्तावन, कैलाशप्रसाद विजय, महेन्द्र गांगडिय़ा, दीनदयाल बैरवा, मनोहरलाल गुप्ता, रामनाथ राजोरिया, करतारसिंह, जितेन्द्र डीगवाल, बंटी मीना सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।