जिला दूर संचार अधिकारी राजमल मीना ने बताया कि घाटा, धौण, गोल, अलीपुरा, गोदावास एवं लाहड़ी का बास गांवों में टावर खड़ें किए जा चुके है, इस्टालेंशन का कार्य भी पूरा हो गया है, बिजली कनेक्शन के साथ सौलर प्लांट भी लगाया है। सभी टावर को सेटेलाइट से कनेक्ट करने की अनुमति का इंतजार है। घाटा गांव के टावर के लिए ओएफसी बिछाने के लिए वन विभाग की एनओसी नहीं मिली है। घौण समेत सभी टावर शीघ्र ही शुरू होंगे।
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8 माह बाद भी पूरा नहीं हुआ टावर निर्माण कार्यगत वर्ष अक्टूबर माह में बीएसएनएल की ओर से क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क से वंचित क्षेत्रों में आमजन को बीएसएनएल का फोरजी नेटवर्क उपलब्ध कराने क्षेत्र में आधा दर्जन गांवों में टावर खड़े किए जाने का कार्य शुरू किया था। उस समय क्षेत्र के लोगों को उम्मीद बंधी थी कि एक-दो माह में ही अब उनके गांव में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलने लगेगी, लेकिन करीब 8 माह गुजरने के बाद भी मोबाइल नेटवर्क एक सपना ही बना हुआ है। जानकारी के अनुसार बीएसएनएल द्वारा घाटा, धौण, गोल, अलीपुरा, गोदावास एवं लाहड़ी का बास गांवों में टावर खड़ा किए जा रहे हैं। इन सभी जगहों पर टावर निर्माण कार्य लगभग पूरा भी हो चुका हैै, लेकिन कई सामान की आपूर्ति व अन्य तकनीकी कारणों से ये टावर अब तक शुरू नहीं किए गए हैं।
धौण गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित है और यहां 265 विद्यार्थी अध्ययनरत है, ये सभी विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षण के नवाचार से वंचित है। विद्यालय के प्रधानाचार्य राहुल शर्मा ने बताया कि मोबाइल नेटवर्क केे अभाव ने पंगु बना दिया है, विद्यालय का ऑनलाइन वर्क लालसोट आकर करना पड़ता है, विभाग की सूचना भी समय पर नहीं मिल पाती है,लालसोट आने पर ही पता चलने पर इन सूचनाओं का जवाब दिया जाता है, जिससे कई बार बड़ी परेशानी भी खड़ी हो जाती है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने पहाड़ पर एक दो जगह चिन्हित कर रखी है, जहां कभी-कभार थोड़ा नेटवर्क आता है, ग्रामीणों को इमरजेंसी में पहाड़ पर चढ़कर बात करनी पड़ती है।