बांदीकुई. यहां रेलवे जंक्शन पर शुक्रवार सुबह करीब सात बजे हिसार से जयपुर की ओर जा रही हिसार-जयपुर पैसेंजर ट्रेन के जनरल डिब्बे में करीब आठ माह का मासूम बच्चा बिलखती हालत में मिला। इस पर आरपीएफ व जीआरपी ने अन्य कोच सहित ट्रेन व जंक्शन पर किसी का बच्चा गुम होने की जानकारी ली, लेकिन बच्चे के परिजन की तलाश नहीं हो सकी। इस पर जंक्शन के रेलवे प्रशासन द्वारा अनाउंस भी करवाया गया। जीआरपी नवजात को सीएचसी अस्पताल लेकर पहुंची। जहां बांदीकुई सीएचसी में शिशु रोग विशेषज्ञ एस.के. सोनी ने बुखार व पेट में दर्द की शिकायत पर दवा दी और उसे बच्चे को दूध पिलाने की बात कही।
यात्री ने जीआरपी को दी बच्चे की जानकारी अलवर से जयपुर की ओर हिसार जयपुर पैसेंजर यात्रा कर रहे मजदूर यात्री धर्मेंद्र मीना ने कोच में बिलखते बच्चे को देखा तो उसने कोच में मौजूद अन्य यात्रियों से बच्चे के परिजन की जानकारी ली, लेकिन बच्चे के परिजन की तलाश नहीं हो सकी। इस पर उसने बांदीकुई जंक्शन पर मौजूद रेल प्रशासन को सूचना दी।
महिला कांस्टेबल दे रही मां का दुलार जीआरपी थाने मे कार्यरत महिला कांस्टेबल लखन मीना आठ माह के मासूम बच्चे को मां का दुलार देती नजर आई। मीना ने भूख से रोते बच्चे को अपनी गोद में लेकर दूध पिलाया। साथ ही उससे गोद में खिलाया। जीआरपी पुलिस द्वारा चाइल्ड हैल्पलाइन दौसा को इसकी पूर्ण देखभाल की सूचना दी। इस पर हैल्पलाइन कर्मियों ने मौके पर पहुंच बच्चे को अपनी देखरेख में लिया।
इनका कहना है आठ माह का नवजात पैसेंजर ट्रेन में लावारिस हालत में मिला, जिसे सीएचसी अस्पताल में भर्ती करवाकर उसकी देखभाल कर चाइल्ड लाइन दौसा के सुपुर्द किया गया है। परिजनों की तलाश जारी हैं।