दौसा में कॉलेज से थोड़ा आगे युवाओं का एक समूह यहां के चढ़ते सियासी पारे को बखूबी बयां करता है। करीब छह युवाओं के समूह में हिमांशु मीणा और गोलू गोवर्धन मीणा कहते हैं हमें तो सरकारी नौकरी देने वाला चाहिए। वहीं अभिषेक मीना और लोकेश मीना मोदी के रोड शो से माहौल बदलने की बात करते हैं। एक अन्य युवा मोबाइल की स्क्रीन की तरफ इशारा कर कहते हैं कि मुद्दों के वीडियो वायरल हो रहे हैं। साफ है कि जनजातीय मतदाताओं का रुझान परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
फलसावाला बालाजी मंदिर के बाहर पेड़ के नीचे बैठे मिले जगदीश कोठीवाला, नाथूलाल, बंटी व अन्य ने एक स्वर में देश हित को मुद्दा बताया। बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर उनका सवाल था कि क्या ये मुद्दे पहले नहीं थे। खटीक मोहल्ला में मिले रूपचंद सामरिया, रमेशचन्द्र, नानकराम सामरिया का सवाल था कि आखिर ऐसी क्या जरूरत आ रही है जो बार-बार यह कहा जा रहा है कि आरक्षण खतरे में नहीं है? क्षेत्र में पानी बड़ा मुद्दा है। सिकराय कस्बे के इंदिरा गांधी सर्कल पर रामेश्वर का कहना था कि स्टोन पार्क को विकसित किया जाना एक बड़ा मुद्दा है। इससे रोजगार मिलेगा।
लालसोट-दौसा हाईवे पर नांगल राजावतान के समीप हरिनारायण मीना, नानगराम मीणा किसानों के फसलों के दाम के मुद्दे की बात करते हैं तो रंगलाल मीणा पानी की समस्या के कारण खेती में आ रही कठिनाई के समाधान की जरूरत बताते हैं। इसी रास्ते पर आगे मिले कुछ लोगों ने कहा कि यहां क्षेत्र में बजरी और खनन भी बड़ा मुद्दा है। पूरे क्षेत्र में पोस्टर बैनरों के लिहाज से चुनावी रंगत फीकी ही दिख रही है। पर चौपालों की चर्चा जोरों पर हैं।
क्षत्रपों ने लगाया जोर
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, योगी आदित्यनाथ की सभाएं हुई हैं। इसके साथ ही जातीय समीकरणों को साधने के लिए किरोड़ी लाल मीणा, जसकौर मीणा, अलका सिंह गुर्जर, ओम प्रकाश भड़ाना, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रभुलाल सैनी को लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय किया है। विधायकों की तो जिम्मेदारी तय की ही गई है। वहीं कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट, अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा ने सभाएं की हैं। इसके अलावा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी रहे नेता ही अपने अपने क्षेत्र में कमान संभाल रहे हैं।