लक्खी मेला में अब तक देशभर के 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। सर्पदंश पीड़ितों ने सिंध में डुबकी लगाई और बेहोश होने लगे। ऐसे करीब 8 हजार पीड़ितों को स्ट्रेचर पर मंदिर तक ले जाया गया।
यह भी पढ़ें : 12 नवंबर की भी छुट्टी घोषित, स्कूल और ऑफिस बंद रहेंगे पर बैंकों में होगा कामकाज लक्खी मेला रतनगढ़ की पहाड़ी पर लगता है जोकि दतिया से करीब 60 किमी दूर है। रविवार शाम तक मेले में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या 30 लाख के पार पहुंच चुकी थी। यहां अभी भी भारी भीड़ उमड़ रही है।
सर्पदंश से ग्रसित श्रद्धालु सिंध में नहाते ही बेहोश होने लगते हैं। साथ आए लोग उन्हें स्ट्रेचर या अपने कंधों पर डालकर रतनगढ़वाली माता के मंदिर लेकर जाते हैं। यहां माता और उनके भाई कुंवर महाराज की पूजा करते हैं। मान्यता है कि माता और कुंवर सर्प या अन्य जहरीले जानवर के काटने के बाद किसी की मौत नहीं होने देते, उसे पूरी तरह विषमुक्त कर देते हैं। मंदिर में झाड़ा लगने के बाद बेहोश मरीज चैतन्य हो जाता है।
अधिकारियों के अनुसार इस बार अब तक 8 हजार लोग विषमुक्त हो चुके हैं। जिला प्रशासन ने इस बार 3 हजार स्ट्रेचर की व्यवस्था रखी है लेकिन ये कम पड़ रहे हैं।