दोषमुक्त होकर लौटी बहन
सीमा का दिल्ली तक पहुंचना बहुत बड़ी बात है क्योंकि सीमा का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। सीमा जिस इलाके से आती हैं वहां सिर्फ नक्सलियों की चलती है। सीमा की बड़ी बहन इड़ो पर तो नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली की अध्यक्ष होने का आरोप था। उस पर एक लाख रुपए का इनाम था। वह दो साल जेल में रही और दोषमुक्त होकर वापस लौटी। हालांकि सीमा कहती हैं कि उनकी बहन का नक्सल संगठन से कोई संबंध नहीं था। प़ुलिस उसे घर से सीधे उठाकर ले गई और आरोप लगा दिया। इड़ो कहती हैं कि बहन को दिल्ली जाता देख बेहद खुश हूं। ऐसा रहा सीमा का सफरसीमा बताती हैं कि वह गाटम आश्रम में रह कर पढ़ी है। इसके बाद वह 2013 में जिले के नन्हे परिंदे में पहुंचीं। इसी दौरान उसका बारसूर नवोदय विद्यालय के लिए चयन हुआ। लेकिन दस्तावेज में त्रुटि के चलते वह वंचित हो गई। इसके बाद वह एकलव्य आवासीय विद्यालय कटेकल्याण में चयनित हो गई।
यहां से 12वीं तक की पढ़ाई की। इस बीच जिला प्रशासन के द्वारा संचालित ‘छू लो आसमां’ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही। पीईटी की परीक्षा पास कर गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में एडमिशन ले लिया। यहां वह तीन वर्ष से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकॉम में बी-टेक कर रही हैं।