चेरपाल का पहला आदिवासी इंजीनियर बनेगा संतूराम कुंजाम
इंद्रावती नदी पार माड़ इलाके से लगे पहुंचविहीन गांव चेरपाल का संतूराम कुंजाम इस इलाके का पहला ऐसा आदिवासी लड़का होगा, जो न सिर्फ इंजीनियर बनकर निकलेगा, बल्कि देश के किसी प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान से पढाई करने का गौरव हासिल करेगा। उसने परीक्षा में 484 वीं रैंक हासिल की है। यह इलाका इंद्रावती नदी की वजह से देश के अन्य हिस्सों से अलग-थलग पड़ा हुआ है।कंप्यूटर इंजीनियर बनना किरण बघेल का है सपना
इसी तरह 793 वां रैक हासिल कर JEE advance परीक्षा पास करने वाली धनपुंजी निवासी आदिवासी छात्रा किरण बघेल के पिता भी साधारण किसान हैं। किरण कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियर बनना चाहती है। उसने बताया कि छोटे गांव की होने की वजह से उसे ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन शिक्षकों के प्रोत्साहन व खुद की मेहनत से परीक्षा पास कर ली है।इंजीनियरिंग के बाद आईएएस बनना चाहते हैं हरीश
बारसूर निवासी हरीश बघेलJEE advance में चयनित होने के बाद अब मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते हैं। उसके पिता राम संजीवन शिक्षक हैं। जेईई एडवांस परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उसने 1742 वीं रैंक हासिल की है। हरीश ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस की तैयारी करने की इच्छा है।दंतेवाड़ा से 4 ने उत्तीर्ण की परीक्षा
जिले से पहली बार 4 परीक्षार्थियों ने जेईई एडवांस की परीक्षा परीक्षा पास की है, जिनमें संतूराम कुंजाम, हरीश कुमार बघेल, किरण बघेल व वेदप्रकाश शामिल हैं। सफल हुए चारों परीक्षार्थी जिला प्रशासन द्वारा संचालित छू लो आसमान आवासीय कोचिंग में रहकर पढ़ रहे थे।