Dantewada News: प्रकृति का अमूल्य हिस्सा हैं वन्यजीव
इस कार्य में वह वन विभाग का सहयोग करती हैं। उनका कहना है कि प्रकृति का अमूल्य हिस्सा हैं वन्यजीव। उनके बिना हमारा
इकोसिस्टम पूरा नहीं होता है। उनको बचाने के लिए लोगों में जागरूकता लाना बेहद जरूरी है। क्योंकि उनका पर्यावरण को बनाए रखने में अहम योगदान होता है।
विडम्बना यह है कि इन वन्यजीवों के घर यानी जंगल खत्म हो रहे हैं, ऐसे में लोगों को वन और पर्यावरण को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। Dantewada News वह बताती हैं कि लोगों को वन्यजीवों के लिए बने कानून की जानकारी नहीं है। उन्हें इनके बारे में पता होना चाहिए ताकि चोरी-छिपे होने वाले जानवरों के शिकार पर लगाम लगे।
ग्रामीणों की आजीविका
नेहा कहती हैं कि वन्यजीवों के संरक्षण के साथ ही हमने जंगलों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों की आजीविका को लेकर भी काम किया है। महिलाओं को दोना पत्तल बनाना सिखाया, ताकि उनकी जंगलों पर निर्भरता कम हो सके। साथ ही वे आत्मनिर्भर बनें। वह
फॉरेस्ट गार्ड को भी ट्रेनिंग देती हैं और जंगल प्रबंधन की जानकारी देती हैं। लोगों को वन क्षेत्र से जुड़े कानूनों के बारे में बताती हैं। उन्हें इकोसिस्टम की सारी जानकारी देती हैं।
इकोसिस्टम का एक अभिन्न हिस्सा
Dantewada News: उनका मानना है कि वन्यजीवों का संरक्षण जनभागीदारी के बिना अधूरा है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ जंगलों से भरा हुआ है। यहां हर तरह के वन्यजीवों का बसेरा है। बस जरूरत है उन वन्यजीवों के संरक्षण की, ताकि अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर रखा जा सके।
वह कहती हैं कि हमारे प्रदेश के कई गांवों में
हाथियों का आतंक है। हम गांववालों को बताते हैं कि हाथी भी हमारे इकोसिस्टम का एक अभिन्न हिस्सा हैं Dantewada News और हाथियों से होने वाले नुकसान के लिए वन विभाग लोगों को मुआवजा भी देता है ताकि वे लोग हाथियों को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं।
नेहा सैम्युअल
जल संरक्षण का कार्य भी किया: नेहा सैम्युअल वर्ष 2020 में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं। कई गांव में जाकर जल संरक्षण पर भी कार्य किया है। उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया (विश्व प्रकृति निधि भारत) के साथ मध्य भारत में काम किया है।