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इनमें से प्रत्येक डँपर की कीमत साढ़े चार करोड़ रुपए बताई जा रही है। इन डंपर की डंपग केपेसिटी सौ टन है। इन भारी भरकम डंपर का उपयोग डिपाजिट 14 नंबर के वेस्ट डंप माइनिंग एरिया में किया जाना है। बताया जा रहा है कि ब बैलाडीला पहाडिय़ों के तराई क्षेत्र से बड़ी संख्या में नक्सली शाम 4.30 बजे खदान क्षेत्र में पहुंचे। इसके बाद डीजल छिडक़कर इन नए डम्पर में आग लगा दी। आग से डम्फर का कैबिन बुरी तरह से जल गया है। 100 टन के कोमस्तु एक डम्फर की कीमत 4 करोड़ 64 लाख है। इसके केबिन जलने से ही करीब पचास लाख का नुकसान होने की जानकारी अधिकारियेां ने दी है।
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सीआईएसएफ का सूचना तंत्र विफल एनएमडीसी परियोजना की लौह अयस्क की खदानों की सुरक्षा सीआईएसएफ के जिम्मे है । जिसके पीछे एनएमडीसी करोडो रुपए खर्च करती है ताकि नक्सली कुछ नुकसान ना कर सकें । खदानों के चारो और सीआईएसएफ के वाच टावर और बुलेट प्रूफ कैम्प है । इन टावर में बैठ कर वे खदान के किसी भी कोने पर नजर रखते हैँ। जाहिर है कि उनके इंटेलिजेंस फेलुअर का फायदा नक्सलियों ने उठाया है। वे बेखौफ वारदात को अंजाम देकर वहां से सुरक्षित निकल गए ।