बता दें कि 10 अगस्त 2024 को शिविरपारा निवासी फूलचंद कड़ियामी ने अपनी बहन सरस्वती कड़ियामी (34) की गुमशुदगी की सूचना बीजापुर थाने में दर्ज कराई। सरस्वती सुबह 6:30 बजे सागवाही खेत में रोपाई के लिए अकेले निकली थीं, लेकिन वापस नहीं लौटीं। खोजबीन के दौरान कन्हाईगुड़ा के पास जंगल में उनका चप्पल और झोला मिला।
CG Crime News: हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश
बीजापुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां खून के धब्बे और अन्य सुराग मिले। गहन तलाशी के दौरान 100 मीटर दूर एक नाले में सरस्वती का शव उल्टे मुंह फंदे से लटका हुआ मिला। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का मामला मानते हुए जांच शुरू की।
(CG Crime News) पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सरस्वती का गला रेता हुआ पाया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी।
पुलिस को जांच के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि घटनास्थल घने जंगल और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में था, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा या मोबाइल नेटवर्क नहीं था। 500 से अधिक कॉल रिकॉर्ड्स और 200 लोगों से पूछताछ के बावजूद कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया।
पुलिस टीम की लगातार सर्च के दौरान कुछ ऐसे सुराग मिले जिससे पुलिस टीम ने पदेड़ा निवासी नंदू मांझी व उसके भाई मंगल मांझी को हिरासत में लिया। दोनों से पूछताछ करने पर लगातार पुलिस को गुमराह करते रहे, किंतु अंत में नंदू मांझी ने पूछताछ में कबूला कि सरस्वती कड़ियामी की उन्होंने ही हत्या की है।
समाज में अपमान के कारण हत्या की
पूछताछ में नंदू मांझी ने खुलासा किया कि सरस्वती से शादी का प्रस्ताव ठुकराने के कारण उसे और उसके परिवार को समाज में अपमान का सामना करना पड़ा, जिससे नाराज होकर उसने सरस्वती से बदला लेने की योजना बनाई।
(Chhattisgarh Crime) नंदू और उनके भाई मंगल ने 10 अगस्त को सरस्वती का कन्हाईगुड़ा जंगल में इंतजार किया और उसे मारकर शव को नाले के पास फंदे से लटका दिया। इस पूरी योजना में उनके पिता सुखनाथ उर्फ फोटकू मांझी ने भी उनका साथ दिया।
चाकू और कपड़े बरामद
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू और घटना के दौरान पहने गए कपड़े बरामद कर लिए हैं। पर्याप्त सबूतों के आधार पर नंदू मांझी, मंगल मांझी और उनके पिता सुखनाथ उर्फ फोटकू मांझी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।