स्थापित हैं 11वीं शताब्दी की मूर्तियां 11th century sculptures : स्थानीय ग्रामीणों की माने तो यह मंदिर नागवंशी राजाओं के समय में बनाया गया था, जिसे आज भी ग्रामीणों ने सहेज कर रखा है। हर वर्ष सावन एवं नागपंचमी के अवसर पर इस नाग मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। जानकारी के मुताबिक नाग मंदिर का मुख्य दिशा पश्चिम की ओर है एवं 11वीं व 12वीं शताब्दियों की मूर्तियां हैं।
सभी मूर्तियां लगभग 23 फीट ऊंची Sawan Somwar 2023: मंदिर में प्रवेश द्वार के बायीं ओर शिलाखंड में नरसिम्हा की मूर्ति एवं दाईं ओर शिलाखंड में नृत्यांगना की मूर्ति स्थापित है। सभी मूर्तियां लगभग 23 फीट ऊंची है। मंदिर के गर्भगृह में बाईं ओर नाग-नागिन की मूर्ति व दाईं ओर गणेश भगवान की मूर्ति व शिलाखंड में द्वारपाल की मूर्ति स्थापित है।
एक विशेष गोलाकार आकृति का उकेरा गए यंत्र को नाग यंत्र कहा जाता है Sawan Somwar 2023: विशेष पूजा आचार्य भगवानदास दिवेदी ने बताया कि जिस किसी मानव के जीवन में कालसर्प दोष लगा होता है अगर वह उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर नहीं जा सकता (Snake Yantra) तो छत्तीसगढ़ का यह एकमात्र दूसरा यह ऐसा विकल्प है जहां कालसर्प दोष का तर्पण किया जा सकता है। अमूमन बहुत कम ही लोग हैं जिन्हें इसकी जानकारी हैं। यहां कालसर्प दोष निवारण की विधिवत तर्पण पूजा की जा सकती है।