दावे-आपत्ति के बिना करा लिया स्वीकृत
बताया गया है कि जीआइएस सर्वे के दौरान संबंधित पार्टियों यानी संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी किए जाते हैं। जिसमें उनसे सर्वे से संतुष्ट हों या कोई आपत्ति हो, तो वो भी ली जाती है। ताकि फाइनल रिपोर्ट से पहले सुधार हो सके, लेकिन शहर में जीआइएस सर्वे के दौरान दावे आपत्ति नहीं लिए गए और फाइनल रिपोर्ट बनाकर भोपाल भेज दी गई। जहां उसे ज्यों का त्यों स्वीकृत कर दिया गया। जो गलत निर्धारण की यही सबसे बड़ी वजह बनी।
संपत्ति की पहचान के लिए जीआइएस सर्वे हुआ था। जिसमें कुछ गलतियों से कई लोगों की संपत्तियों का गलत निर्धारण हो गया। इसमें सुधार होना जरूरी है और इसके लिए जीआइएस सर्वे की डिमांड है। तब जाकर सुधार होगा।
.प्रकाश चंद्र पाठक, राजस्व प्रभारी नपा दमोह