यहां पीजी कॉलेज में एलएलबी 3rd सेमेस्टर की अंग्रेजी की परीक्षा चल रही थी। परीक्षा में एक युवक खुद को विपुल सिंघई बताकर परीक्षा लिखा रहा था। सर्चिंग ड्यूटी में लगे शिक्षक को जब युवक पर शक हुआ तो उन्होंने केंद्र अध्यक्ष को बुलाया। केंद्र अध्यक्ष ने युवक से ऐसा सवाल पूछा जिसका जवाब न देने के बाद उसकी असलियत सामने आई। युवक और उसके दोस्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
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दरअसल, कॉलेज में परीक्षा के दौरान प्रोफेसर हरप्रीत कौर को परीक्षा हॉल में बैठा एक छात्र संदिग्ध लगा। शक होने पर उन्होंने बगल वाले कमरे से सर्चिंग ड्यूटी कर रहे धर्मेंद्र राय को बुलाया। सर्चिंग टीम ने उसका और उसके पिता का नाम पुछा। उसने बताया कि उसका नाम विपुल सिंघई है और चालाकी से एडमिट कार्ड में देखकर पिता का नाम बता दिया।
हालांकि, जब उससे मां का नाम पुछा गया तब वह जवाब नहीं दे पाया और पकड़ा गया। पकड़ाने के बाद भी जब उसने अपना मुंह नहीं खोला तब उसे पुलिस डर दिखाया गया। पुलिस के डर से उसने सब बता दिया। उसने बताया कि उसका नाम हिमांशु नेमा है और वह अपने दोस्त विपुल सिंघई के नाम पर परीक्षा दे रहा है।
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पकड़ाने के बाद हिमांशु ने बताया कि उसका दोस्त विपुल 3 साल से अंग्रेजी की परीक्षा में फेल हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी अंग्रेजी कमजोर थी। विपुल ने उसे पैसों का लालच देकर उसकी जगह अंग्रज़ी की परीक्षा में बैठने के लिए कहा क्योंकि उसकी अंग्रेजी काफी अच्छी थी।
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केंद्र अध्यक्ष हरप्रीत कौर ने हिमांशु नेमा को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने हिमांशु के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने विपुल सिंघई को भी गिरफ्तार कर लिया है जिसके नाम से हिमांशु परीक्षा देने पंहुचा था। इस मामले में एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी का कहना है कि दोनों आरोपी युवकों पर धोखाधड़ी सही अन्य धाराएं लगाकर कार्रवाई की जा रही है।