जारी आदेशानुसार फसलों की कटाई में उपयोग किये जाने वाले कंबाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग को अनिवार्य किया गया है। जिलें में गेंहू की नरवाई से किसान भूसा प्राप्त करना चाहते हैं तो उनकी मांग को देखते हुये स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के स्थान पर स्ट्रा रीपर के उपयोग को अनिवार्य किया जा सकता है। कंबाईन हार्वेस्टर के साथ एसएमएस या स्ट्रा रीपर में से कोई भी एक मशीन साथ में रहना अनिवार्य रहेगा। जिसमें जिला परिवहन अधिकारी व सहायक कृषि अभियांत्रिकी दमोह निरंतर निगरानी रखेगें। साथ ही बिना स्ट्रा रीपर के कंबाईन हार्वेस्टर चलाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई करेंगे। किसान स्ट्रा रीपर से भूसा बनाकर पशुओं के भोजन या भूसे के विपणन से अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पर्यावरण विभाग ने नोटिफिकेशन से नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को प्रतिबंधित कर दंड अधिरोपित करने का प्रावधान किया गया है। नोटिफिकेशन से पर्यावरण सुरक्षा के लिए एनजीटी के निर्देश क्रम में धान व गेंहू की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाए जाने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। जिसे तत्काल प्रभाव से संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू किए जाने के निर्देश है। निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर व्यक्ति निकाय को प्रावधानानुसार पर्यावरण क्षति पूर्ति राशि देय होगी।
नरवाई जलाने के मामले में किसान जिनके पास 2 एकड़ से कम जमीन है, उन्हें 2500 रुपए प्रति घटना पर्यावरण क्षति पूर्ति अर्थदण्ड देय होगा। कृषक जिनके पास 2 एकड़ से अधिक एवं 5 एकड़ से कम जमीन हैं, उन्हे 5 हजार रुपए प्रति घटना अर्थदंड देय होगा। कृषक जिनके पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है, उन्हें 15 हजार रुपए प्रति घटना अर्थदंड देय होगा।
आदेश के परिपालन में निगरानी दल का गठन किया गया है। संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी, संबंधित क्षेत्र का पटवारी व संबंधित क्षेत्र का कोटवार निगरानी दल के सदस्य होंगे। सेटेलाइट से प्राप्त प्रतिदिन की घटनाएं उप संचालक कृषि के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। घटना की जानकारी प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर निगरानी दल स्थल पर पहुंच कर पंचनामा तैयार कर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। तहसीलदार संबंधित अपचारी किसानों को युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर एवं सुनवाई कर 15 दिवस के अंदर अर्थदंड अधिरोपित करेंगे।