मध्यप्रदेश के दमोह के पथरिया (pathriya) में जन्मे आचार्य विराग सागरजी महाराज ने महाराष्ट्र (maharashtra) के जालना गांव में समाधि ले ली। उनकी समाधि का समाचार पाकर जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। जैन संत आचार्य विराग सागर की समाधि अंतिम डोला सुबह 11 बजे अक्षय मंगल कार्यालय, देव मूर्ति, ग्राम सिंदखेड राजा रोड जालना से एक किलोमीटर दूर स्थित पाटनी फार्म परिसर देवमूर्ति ग्राम में हो रहा है।
फरवरी 2024 में आचार्य विद्यासागरजी महाराज (acharya vidhya sagarji maharaj) के बाद जैन समाज के बड़े संत आचार्य विराग सागरजी महाराज की समाधि को बड़ी क्षति बताया गया है। जैन समाज के मुताबिक आचार्य श्री 300 से अधिक मुनि और आर्यिका को दीक्षित कर चुके हैं।
सीएम ने दी श्रद्धांजलि
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गणाचार्य विराग सागरजी महाराज के समाधि लेने पर विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि दिगंबर महामुनि संघ नायक, बुंदेलखंड के प्रथम जैन गणाचार्य श्री 108 आचार्य श्री विराग सागरजी महाराज समाधिस्थ हो गए हैं। विराग सागरजी महाराज के मंगलमय विचार और लोकहितकारी जीवन सर्वदा मानवता के कल्याण के दिव्य प्रकाश पुंड को देदीप्यमान रखेंगे। विनम्र श्रद्धांजलि।
भोपाल में भी शोक की लहर
इधर, भोपाल जैन समाज में भी विराग सागरजी महाराज की समाधि की खबर मिलने के बाद शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार सुबह चौक धर्मशाला में मुनि वीर सागर के सान्निध्य में पंचायत कमेटी ट्रस्ट भोपाल की ओर से एक विनयांजलि सभा का आयोजन किया, जिसमें आचार्यश्री के चित्र के समक्ष दीपक जलाकर जैन समाज ने विनयांजलि अर्पित की। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा, आलोक पंचरत्न, आदिश जैन अरविंद सुपारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।