इस नोटिफिकेशन के सामने आने के बाद अब लोगों की इस प्रस्ताव को लेकर आपत्तियां सामने आमने लगी हैं। लोगों के अनुसार नागपुर के लिए जो रूट तय किया गया, वह अनुकूल नहीं है, क्योंकि इसमें समय बहुत ज्यादा खर्च होगा। दूसरा, जिस टाइमिंग को प्रस्ताव में रखा गया है, वह राज्यरानी ट्रेन की है। ऐसे में नागपुर ट्रेन के साथ-साथ राज्यरानी ट्रेन भी हासिये पर आने की संभावना है। इसके अलावा अन्य तर्क भी इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद लोगों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
दरअसल, जारी हुए प्रस्ताव और नोटिफिकेशन में दर्शाया गया है कि हाल ही में हुई सांसदों की मीटिंग में सागर सांसद राजबहादुर सिंह द्वारा सागर से नागपुर ट्रेन चलाने की मांग रखी गई थी। जिसके आधार पर रेलवे ने सागर की जगह दमोह से नागपुर तक ट्रेन चलाने का प्लान तैयार किया है। इसमें बताया गया है कि एक ट्रेन है जो कि नागपुर रेलवे यार्ड में 46 घंटे तक खड़ी रहती है। ऐसे में इसका उपयोग करते हुए इसे दमोह से नागपुर के बीच साप्ताहिक ट्राइल के रू प में चलाया जा सकता हैं। इसके लिए रूटमेट और टाइमिंग का भी एक डमी नोटिफिकेशन तैयार का प्रस्ताव भेजा गया हैं।
रेलवे के प्रस्ताव के अनुसार ट्रेन नागपुर से दोपहर 3.15 पर चलकर रात साढ़े 10 इटारसी, सवा 12 पर भोपाल, 12.55 पर विदिशा, 2.40 पर बीना, 3.30 पर खुरई, 4.20 पर सागर और सुबह 5.40 पर दमोह पहुंचेगी। इसके तत्काल बाद यह ट्रेन मंगलवार को सुबह से दमोह से नागपुर के लिए लग जाएगी। मंगलवार को सुबह 6.15 पर दमोह, 7.15 पर सागर, 7.58 पर खुरई, 8.30 पर खुरई, 9.35 पर विदिशा, 10.45 पर भोपाल, 12.33 पर इटारसी और शाम को 7 बजे नागपुर पहुंचा सकती है। इसके बाद यह ट्रेन जहां चलती हैं, वहां उपयोग में ली जाएगी।
– समय, रूट को लेकर सबसे ज्यादा आपत्ति दमोह रेलवे संघर्ष समिति के सदस्य प्रांजल चौहान ने बताया कि कोई भी ट्रेन दमोह से शुरू हो, यह बेहतर हैं, लेकिन ट्रेन दूसरी ट्रेन को प्रभावित करे और इससे सफर करने में लोगों को परेशानी हो क्या मतलब, इसका भी ध्यान रखना चाहिए। इस ट्रेन के प्रस्ताव में दोनों से ट्रेन में करीब 13 घंटे का वक्त लग रहा है, जो बहुत अधिक हैं। मरीजों के लिए यह परेशानी दायक हो सकता हैं। दूसरा यह ट्रेन सप्ताह में एक दिन राज्यरानी के समय ही भोपाल तक जाएगी। ऐसे में इसके खाली जाने के अधिक आसार हैं। ऐसी स्थिति में इससे आय कम होने की स्थिति में ट्रेन जल्द ही बंद होने की संभावना भी बढ़ती है। इसके अलावा इसका रूट भी काफी लंबा है, जो यात्रियों के लिए परेशानी का कारण है।
– समिति ने नागपुर ट्रेन के लिए दिए थे ये ऑप्सन रेल संघर्ष समिति द्वारा रेलवे बोर्ड को सुझाव दिया गया था कि बीना,सागर,दमोह, कटनी रेल खंड से निकलने वाली दो ट्रेन पिछले 3 साल से बंद चल रही हैं। दो महत्त्वपूर्ण ट्रेनों को पुन: चलाकर राहत प्रदान की जा सकती है और इन दोनों ट्रेनों को जबलपुर, गोंदिया होते हुए नागपुर तक आसानी से बढ़ाया जा सकता है। इस ट्रेनों में 04189/04190 जबलपुर-खजुराहो एक्सप्रेस त्रिदिवसीय, 19809/19810 कोटा-जबलपुर एक्सप्रेस नियमित इस ट्रेन को अब जबलपुर से आगे वाया गोंदिया होते हुए नागपुर तक बढ़ाया जा सकता है। यदि यह ट्रेन नागपुर तक बढाई जाती है, तो हजारों रोगी, बीमार, मरीजो को नियमित रूप से सीधा फायदा पहुंचेगा। रेलवे द्वारा हाल में जारी किए प्रस्ताव के अलावा इन प्रस्तावों पर भी गौर किया जा सकता है। जिससे लोगों को राहत मिल सके और समय पर ट्रेन पहुंच सके। साथ ही ट्रेन शुरू होने के बाद लंबे समय तक चलती रहे।