सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं लगते एंटी स्नेक वेनम
सर्पदंश के शिकार जिला अस्पताल आते-आते हो जाती है देर
Anti snake venom is not available in community health centers
दमोह. बारिश के बाद उमस के चलते जहरीले जंतु बाहर निकलने लगते हैं, जिनमें सांप व बिच्छू जान लेवा साबित होते हैं, जून माह में शुरुआती दौर में ही जिले से सर्पदंश की घटनाएं सामने आने लगी है। जिसमें सामने आ रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर एंटी स्नेक वेनम उपलब्धता होने के बावजूद इंजेक्शन न लगाए जाने से जिला अस्पताल आते-आते सर्पदंश का शिकार दम तोड़ देते हैं।
गुरुवार की रात्रि थाना तेजगढ़ के जमुनिया गांव में एक महिला प्रेमरानी पति हरिराम आदिवासी (65) व एक बच्चा संस्कार पिता राजकुमार गौंड़ (4) सर्पदंश का शिकार हो गए दोनों को जिला अस्पताल लाया गया तो ड्यूटी डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इससे पहले पटेरा ब्लॉक के जेर गांव से एक बालक सर्पदंश का शिकार हो गया था, जिसे पहले पटेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे एंटी स्नेक वेनम नहीं लगाया गया, जब अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जून माह में सर्पदंश की 6 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सभी सर्पदंश के पीडि़तों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर इलाज न देकर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जिसमें देरी हो जाने से जान चली गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं लगता
दमोह जिले के ब्लॉक स्तर पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सबसे पहले मरीज पहुंचता है, सर्पदंश की घटनाओं में भी यही लाया जाता है, लेकिन मरीज के परिजन यहां पदस्थ डॉक्टर पर भरोसा नहीं करते हैं। वहीं यहां पदस्थ डॉक्टर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता होने के बाद रिस्क उठाने में हिचकिचाते हैं, जिससे वहां पदस्थ डॉक्टर तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं, इस बीच जहर चढ़ जाने के कारण मरीज रास्ते में दम तोड़ देता है और जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर मृत घोषित कर देता है। वहीं दूसरी ओर बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अमला पीडि़त के परिजनों को यह विश्वास नहीं दिलाता है कि सांप के काटने का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही उपलब्ध है, यानि एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध होने के बाद भी इसका उपयोग नहीं किया जाता है।
ब्लॉक स्तर पर जानकारी का अभाव
दमोह जिले में बारिश के पूर्व ही गर्मी व उमस के कारण सर्पदंश व बिच्छू की घटनाएं सामने आती हैं। जिससे ब्लॉक स्तर के अस्पताल पर ही मरीज पहुंचते हैं, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने वाले मरीजों के लिए ओपीडी पर ही सूचना पटल उपलब्ध नहीं रहता है, जिसमें जानकारी उपलब्ध हो कि यहां पर किस इलाज की सुविधा है और कितनी दवाओं की उपलब्धता है, जिससे सर्पदंश की घटनाओं में जानकारी के अभाव में इलाज में देरी होने से लगातार जान जाने के मामले जिले में सामने आ रहे हैं।
आपात स्थिति में भरोसा करना होगा
सीएमएचओ डॉ. संगीता त्रिवेदी का कहना है कि एंटी स्नेक वेनम जिला अस्पताल से लेकर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है। योग्यताधारी चिकित्सक भी उपलब्ध हैं, लेकिन लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इलाज पर भरोसा नहीं करते हैं, लोगों की जल्दबाजी के कारण वहां पदस्थ डॉक्टर रिस्क नहीं उठाते हैं। अब इस आशय के प्रयास किए जा रहे हैं कि सर्पदंश की घटनाओं में सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर ही एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन दिया जाए। इसके लिए हम जागरुकता अभियान चला रहे हैं। लोगों में यह जागरुकता जरूरी है कि सर्पदंश की घटनाओं में जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे पहले वहीं इलाज का भरोसा करें, जो डॉक्टर जिला अस्पताल में पदस्थ हैं, वहीं डिग्रीधारी डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी पदस्थ हैं। जिससे समान इलाज मिल सकता है। जिससे समय पर इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है।
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