इस दौरान जैन समाज के अलावा हर वर्ग के लोगों की आंखों में आंसू देखे गए। बताया गया है कि आचार्यश्री कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे। तीन दिन से उन्होंने अन्न, जल सब कुछ का त्याग कर दिया था। संघस्थ मुनि, ब्रह्मचारी आचार्यश्री के समक्ष बैठकर जप आदि कर रहे थे। इसी बीच रात करीब 2.30 बजे आचार्यश्री के चैतन्य को छोड़ा। आचार्यश्री के समाधिमरण के बाद समूचे जैन समाज व अन्य वर्गों ने रविवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
इस दौरान जैन समाज के लोग आचार्य गुरुवर से जुड़ी बातों पर भी चर्चा करते नजर आए…
– दो साल पहले कुंडलुपर में कराया था बड़ा अनुष्ठान विश्व भर में पहचान बना चुका कुंडलपुर का बड़ेबाबा मंदिर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के ही निर्देशन में बन रहा था। बड़ेबाबा मंदिर के निर्माण की अंति छब सामने आने के बाद 2022 में कुंडलपुर महामहोत्सव का आयोजन किया गया था। इस एतिहासिक कार्यक्रम को आचार्यश्री की मौजूदगी में संपन्न किया गया था। जिसमें देशभर के लाखों श्रद्धालु शामिल हुए थे।
– दो वर्ष पहले आचार्यश्री के पावन कदम दमोह की धरा पर थे, इसके बाद उनका विहार छत्तीसगढ़ की ओर हुआ था। इस महामहोत्सव में आचार्य संघ के सभी मुनि, ऐलक, क्षुल्लक, आर्यिकाएं शामिल हुईं थीं। ऐसा दृश्य पहली बार देखने मिला था।
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