दुकानदारों का कहना है कि डबरा और भितरवार का बाजार गांवों से चलता है। ग्रामीण खरीदारी करने 11 बजे के बाद ही आ पाते हैं,ऐसे में वे अगर सुबह दुकानें खोल भी देंगे तो खाली बैठे रहेंगे। मुश्किल से उन्हें दुकानदारी के लिए दो से तीन घंटे मिलेंगे। ऐसे में उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ेगा। दुकानदारों को कहना है कि वैसे भी दो महीने तक टोटल लॉक डाउन में उनकी कमर टूट गई है,जैसे-तैसे दुकानें खुली तो संभल रहे थे कि अब प्रशासन ने फिर से दो दिन दुकानें बंद करने का फरमान जारी कर दिया है।
जिससे उन्हें आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। बाबा ऑप्टीकल के संचालक नीतिन वासवानी का कहना है कि दो दिन टोटल लॉक डाउन की बात तो समझ आती है पर दो बजे तक ही दुकानें खोलने का आदेश समझ से परे है। हमारे यहां चश्मा बनवाने आने वाले एक ग्राहक को करीब आधा घंटे का समय लेंस चेक करने व फ्रे आदि पसंद करने में लग जाता है। ऐसे में दो बजे तक का समय दुकानदारी लिए काफी कम है।
रहा सवाल सुबह दुकान खोलने का तो 10 बजे के बाद तो लोग बाजार में आ पाते हैं। इसी तरह मोटर वाइडिंग दुकानदार विनोद पहारिया का कहना है कि खराब मोटर को चेक करने में उसे खोलने में करीब एक घंटे का तो समय लग जाता है। दो तीन घंटे में एक ही मोटर हो पाती है ऐसे में दो बजे दुकान खुलने से उन्हें काफी दिक्कत आएगी।
जनता बोली प्रशासन का कदम सही
एक तरह दुकानदार प्रशासन के आदेश से सहमत नहीं है। वहीं लोग इस कदम को सही मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि कोरोना को लेकर लोग लापरवाह हो गए हैं। कोरोना को लेकर जो नियम बनाए गए है उनकी धज्जी उड़ाई जा रही है। न दुकानदार मास्क लगा रहे हैं और न ही ग्राहक। सडक़ों पर भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग को कहीं दिखाई ही नहीं दे रही। सडक़ों पर भी लोग अकारण सुबह से लेकर देर शाम तक घूम रहे हैं।
डबरा तहसीलदार नवनीत शर्मा ने बताया कि दुकानदारों को समझना चाहिए कि कोरोना संक्रमण एक महामारी है जो कभी भी किसी को लग सकती है। जरूरी नहीं कि ग्वालियर में फैली है तो यहां नहीं फैलेगी। दो दिन का टोटल लॉक डाउन लोगों की सुरक्षा को देखते हुए किया जा रहा है। क्योंकि लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इन दो दिनों में लोग घरों से नहीं निकलेेंगे भीड़ नहीं होगी तो खतरा भी कम होगा।