सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम सये छापे राणा कपूर के DHFL, RKW डेवेलपर्स और डोइट अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड आदि ठिकानों पर मारे हैं।
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CBI का यह कदम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रविवार को कपूर की गिरफ्तारी के बाद आया है, जिसमें ED ने DHFL से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कपूर से 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
बाद में उन्हें मुंबई की एक अदालत ने तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने रविवार को YES Bank के पूर्व प्रबंध निदेश और CEO, DHFL और वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
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एजेंसी ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम ( Anti corruption act ) और भारतीय दंड संहिता ( IPC ) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में डूइट अर्बन वेंचर लिमिटेड का नाम भी लिया है।
थमिकी में उल्लेख किया गया है कि कपूर ने डीएचएफएल के जरिए अन्य कंपनियों के माध्यम से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए वित्तीय सहायता लेकर “पर्याप्त अनुचित लाभ” प्राप्त किया है।
इस मामले को CBI की बीएस एंड एफसी की विशेष इकाई देख रही है, जो कि देश भर में बैंक धोखाधड़ी के मामलों को देखती है।
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CBI ने DHFL के अल्पकालिक डिबेंचर की जांच शुरू कर दी है, जिसके लिए यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 तक 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह जांच यस बैंक की DHFL से डिबेंचर की खरीद से संबंधित एक और जांच का हिस्सा है, जिसके खिलाफ कंपनी को 40 करोड़ रुपये की कोलैटरल प्रतिभूति के बदले 600 करोड़ रुपये के ऋण की अनुमति दी गई थी।
आरोप है कि DHFL के वधावन ने कपूर को एक साथ डूइट अर्बन वेंचर्स, उनकी बेटियों -राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर के स्वामित्व वाले उपक्रम में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह भी आरोप है कि यस बैंक ने डीएचएफएल को दिए गए ऋणों की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की।