जसविंदर सिंह अमरीकी वीजा के इंटरव्यू के लिए 6 दिसंबर को पटियाला से दिल्ली आया। इसके बाद वह अमरीकी दूतावास पेपर्स दिखाया और झूठी कहानी सुनाई। उसने जो पेपर्स दिए उसमें उसने दिखाया कि वह 2017 तक क्राइम ब्रांच ऑफिसर के पद पर पुणे में तैनात था। आंसूओं के साथ उसने अधिकारियों को बताया कि कैसे उसके जुड़वा भाई की मौत हुई और वहां उसका जाना क्यों जरूरी है। जसविंदर ने अधिकारियों को बताया कि अपने जुड़वा भाई का इकलौता करीबी रिश्तेदार है, जो भारत में रहता है।
अमरीकी दूतावास अधिकारियों के सामने जसविंदर की झूठी कहानी ज्यादा देर नहीं टिक पाई। अधिकारियों ने पता लगाया तो पता चला कि कुलविंदर सिंह के नाम कोई व्यक्ति न्यूयॉर्क के उस इलाके में न ही रहता है और न ही इस नाम के किसी भी व्यक्ति की मौत हुई है। इसके बाद जब अधिकारियों ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपनी झूठी कहानी के बारे में बताया और उसने यह भी खुलासा किया कि अमरीका में रहने वाले उसके दोस्त ने अंतिम संस्कार लेटर पाने में उसकी मदद की थी, जिसे उसने ईमेल के जरिए भेजा था।
पुलिस ने जसविंदर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें जांच किया जा रहा है कि क्या उसे अवैध मानव तस्करी में शामिल किसी गिरोह ने तो दूतावास नहीं भेजा था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि इस मामले की जांच के लिए एक टीम पंजाब भी भेजी जाएगी।