इसलिए चुना ये वक्त
लालकृष्ण आडवाणी और कैप्टन अमरिंदर सिंह को जान से मारने की धमकी के लिए जस्टिस फॉर सिख ने यही समय इस लिए चुना क्योंकि 31 अक्टूबर, 1984 को हुई इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर और दो नवंबर से ही राजधानी में सिख दंगा शुरू हुआ था। इस दंगे में सैकड़ों सिख धर्म समुदाय के लोगों को मार दिया गया था।
यही वजह है कि जस्टिस फॉर सिख इसी दंगे को प्रमुख वजह मानते हुए इसी दौरान भारत विरोधी गतिविधियों को लगातार अंजाम दे रहा है।
खालिस्तानी आतंकी संगठन जस्टिस फॉर सिख प्रमुक गुरपतवंत सिंह पन्नू लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर संगठन चला रहा है। यही वजह है कि वो भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने भी जुटा हुआ है।
पन्नू लगातार विदेशों से बैठकर सिखों को इंसाफ दिलाने के नाम पर सिख दंगे में पीड़ित लोगों को भड़काने में जुटा रहता है। वीडियो और अन्य गतिविधियों के जरिए वो दंगाईयों को भड़काने की ही प्रयास करता है।
इंडियन वर्ल्ड फोरम के सेक्रेटरी जनरल पुनीत सिंह चंडोक के मुताबिक पन्नू के इस तरह की धमकियों के पीछे उसके सुर्खियों में बने रहने की रणनीति है। दरअसल सुर्खियों में बने रहने पर ही उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से फंड मिलता रहता है और उनके इशारे पर वो गीदड़ भभकियां देता रहता है।
हाल में अमरीका से जेएफएस के लिए रेफरेंडम की गतिविधियां चला रहे पन्नू के अमृतसर के गांव खानकोट में 40 कनाल व गांव भैनीवाल में 13.5 मरले जमीन को केंद्र सरकार ने अटैच कर लिया है। वहीं कनाडा से आतंकी गतिविधियां चला रहे केटीएफ आतंकी संगठन के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की जिला जालंधर के गांव भरसिंहपुरा में 11 कनाल 13 मरले जमीन अटैच की गई है।