सोमवार को हनीप्रीत की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता ने राहत देने से मना कर दिया। जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता ने अब यह मामला चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया।
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आपको बता दें इससे पहले भी हनीप्रीत को हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई थी। हनीप्रीत के वकील की मानें तो कोर्ट की ओर से उनको अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था।
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हनीप्रीत की याचिका में कहा गया था कि उस पर 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुए दंगों की साजिश का आरोप लगाया गया है, जबकि उस समय वह अदालत में गुरमीत राम रहीम के साथ थी।
हनीप्रीत की ओर से कहा गया कि पंचकूला सीबीआइ कोर्ट ने जब गुरमीत राम रहीम को साध्वी रेप केस में दोषी करार दिया था तो इसके तुरंत बाद पंचकूला में दंगे भड़क गए थे, जिसमें उनको साजिशकर्ता बनाया गया है। लेकिन दंगों के समय वह डेरा प्रमुख गुरमीत के साथ थी।
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उन्होंने यह भी कहा कि वह राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधे रोहतक स्थित सुनारिया जेल गई थी। ऐसे में उसको दंगों की साजिशकर्ता बताना गलत है।