चार दोषियों विनय, मुकेश, अक्षय और पवन को शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी। 16 दिसंबर, 2012 को फिजियोथैरेपी छात्रा निर्भया ( Nirbhaya rape case ) का छह लोगों द्वारा एक निजी खाली बस में बेरहमी से दुष्कर्म किए जाने और लोहे की रॉड से बुरी तरह जख्मी कर महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिए जाने के दोषियों को 20 मार्च, 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी।
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मृत्युदंड सुनाए गए इन दोषियों का प्रतिनिधित्व वकील ए.पी.सिंह कर रहे थे। उन्होंने दो दिन पहले ही फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उनकी आखिरी कोशिश भी विफल रही। अब चारों आरोपियों को फांसी लगना तय हो गया है। ऐसे में आपको बता दें कि फांसी देने से जेल प्रशासन की ओर से पहले दोषियों को सुबह चाय दी जाएगी।
चाय और बिस्किट देने के बाद उनको नहलाया जाएगा। जिसके बाद उनको काले कपड़े पहनाए जाएंगे।
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जब दोषियों को फांसी के लिए ले जाते समय उनके चेहरों को काले थैले से कवर कर दिया जाएगा। फिर उनके पैरों में रस्सी बांध दी जाएगी और हाथों में हथकड़ी लगा दी जाएगी।
फांसी देने के 2 घंटे बाद तक दोषियों का शरीर फंदे पर लटकता रहेगा। जिसके बाद डॉक्टर उनका मेडिकल चेकअप करेंगे और उनको मृत घोषित किया जाएगा।
आपको बता दें कि फांसी की इस प्रक्रिया के जेल अधीक्षक का इशारा होते ही जल्लाद लीवर खींचता है। जिसके बाद दोषी फांसी के फंदे पर लटक जाता है।
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