10 स्थानों पर होगा रावण दहन
जिले के शामगढ़, मंदसौर, गरोठ, भानपुरा, मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, सीतामऊ में कहीं ३१ फीट तो कहीं ५१ फीट तक के रावण के पुतलों का दहन होगा। दशपुर दशहरा उत्सव समिति द्वारा 19 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) पर्व मनाया जाएगा। कोटा के कलाकारों द्वारा आतिशबाजी की जाएगी। भगवान श्रीराम और उनकी सेना द्वारा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। अजमेर के कलाकार शकुर भाई और उनकी टीम दिन- रात जुटकर रावण का 51 फीट तथा मेघनाथ और कुंभकर्ण के 41-41 फीट ऊंचे पुतलों का निर्माण कर रहीं है। प्राप्त जानकारी अनुसार भानपुरा में २ स्थानों पर, शामगढ़ में २ स्थानों पर, गरोठ व मल्हारगढ़ में १-१ स्थानों पर रावण दहन होगा। सीतामऊ, दलौदा, पिपलियामंडी में भी रावण के पुतलो का दहन किया जाएगा।
खानपुरा में होगी रावण प्रतिमा की पूजा
नामदेव वैष्णव समाज सुधारक समिति खानपुरा के तत्वावधान में दशहरे पर रावण वध का कार्यक्रम आयोजित होगा। समाज के अध्यक्ष अशोक बघेरवाल ने बताया कि देश में सभी जगह रावण का दहन किया जाता है लेकिन सिर्फ नामदेव समाज द्वारा ही रावण का वध किया जाता है। खानपुरा क्षेत्र में स्थित 41 फीट ऊंची अति प्राचीन रावण की प्रतिमा चमत्कारी भी है। कई भक्त अपनी मनोकामना लेकर रावण के पांव पर लच्छा बांधते है। कहा जाता है कि नामदेव समाज के लोग मंदोदरी को मंदसौर की बेटी और रावण को जमाई मानते हैं। इस नाते नामदेव समाज प्राचीन परम्परा का निर्वहन करते हुए करीब 1५0 साल से भी अधिक समय से रावण का वध करता आ रहा है। वहीं रावण की प्रतिमा के सामने से जब भी महिलाएं गुजरती है तो जमाई के प्रति सम्मान देते हुए घुंघट डालकर निकलती है। रावण की प्रतिमा के पैर में एकातरा बुखार आने पर लच्छा बांधा जाता है, इससे लोगों का बुखार ठीक हो जाता है। संतान प्राप्ति के लिए भी लोग रावण की पूजा करते हैं। दशहरा पर्व पर सुबह रावण प्रतिमा की पूजा की जाती है और शाम को प्रतीकात्मक वध किया जाता है।