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मंदसौर

यहां रावण का वध भी होगा दहन भी और पूजन भी

यहां रावण का वध भी होगा दहन भी होगा और पूजन भी

मंदसौरOct 16, 2018 / 03:05 pm

harinath dwivedi

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यहां रावण का वध भी होगा दहन भी और पूजन भी

मंदसौर.
शहर सहित जिले भर में १९ अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान कहीं दशानन के पुतलों का दहन तो कहीं रावण का वध कर उसका अभिमान तोड़ा जाएगा। मंदसौर के खानपुरा क्षेत्र में रावण पूजन के बाद वध होगा, वहीं ग्राम धमनार में भी रावण वध होगा। इसके साथ ही जिले में करीब १० स्थानों पर रावण के पुतले जलेंगे। दशानन के पुतले कहीं गर्दन हिलाएंगे तो कहीं आवाजें निकालकर दर्शकों को लुभाएंगे। रंग-बिरंगी आतिशबाजी भी आकर्षण का केन्द्र रहेगी।

जहां नाक पर मुक्का मारने के लिए होता है युद्ध
जिले का धमनार ही एक ऐसा गांव है जहां बरसों से दशहरे पर हर घर, हर गली, हर मार्ग की सफाई में पूरा गांव जुटता है। शिवनारायण धाकड़ ने बताया कि यहां ग्राम पंचायत सबसे अच्छी सफाई करने वाले को पुरस्कृत भी करती है। यहीं नहीं यहां दशहरा उत्सव पर रावण की प्रतिमा की नाक पर मुक्का मारने के लिए युद्ध का दृश्य निर्मित होता है। यहां दशहरे पर रावण वध कार्यक्रम आयोजित होगा। यहां कुछ लोग रावण की सेना में शामिल होते है तो कुछ लोग राम की सेना में। दोनों के बीच पहले दोस्ताना द्वंद होता है। बाद में राम की सेना प्रतिमा पर चढ़ाई कर रावण की पक्की प्रतिमा की नाक पर मुक्का मार विजयी होती है। इसके बाद राम का रथ ग्राम में भ्रमण करता है। विजयादशमी को लेकर ग्रामीणों ने दस दिन पहले से अपने अपने घरों में साफ- सफाई करना आरंभ कर दिया था। गांव में इस त्योहार को प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इस दिन गांव के हर घर पर मिठाई व नमकीन बनाया जाता है। दो दिन से घरो में मिठाईयां बनाने का क्रम भी जारी था। दशहरे के दो दिन पहले गांव की बहन बेटियां दूर-दराज गांव से आती है। मेला समिति द्वारा दो दिनी मेले का आयोजन भी किया जाता है। ग्राम में स्थापित रावण प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने के कारण इस वर्ष ग्रामीणों ने जनसहयोग से राशि एकत्र कर प्रतिमा का पुन:निर्माण करवाया है।

10 स्थानों पर होगा रावण दहन
जिले के शामगढ़, मंदसौर, गरोठ, भानपुरा, मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, सीतामऊ में कहीं ३१ फीट तो कहीं ५१ फीट तक के रावण के पुतलों का दहन होगा। दशपुर दशहरा उत्सव समिति द्वारा 19 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) पर्व मनाया जाएगा। कोटा के कलाकारों द्वारा आतिशबाजी की जाएगी। भगवान श्रीराम और उनकी सेना द्वारा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाएगा। अजमेर के कलाकार शकुर भाई और उनकी टीम दिन- रात जुटकर रावण का 51 फीट तथा मेघनाथ और कुंभकर्ण के 41-41 फीट ऊंचे पुतलों का निर्माण कर रहीं है। प्राप्त जानकारी अनुसार भानपुरा में २ स्थानों पर, शामगढ़ में २ स्थानों पर, गरोठ व मल्हारगढ़ में १-१ स्थानों पर रावण दहन होगा। सीतामऊ, दलौदा, पिपलियामंडी में भी रावण के पुतलो का दहन किया जाएगा।


खानपुरा में होगी रावण प्रतिमा की पूजा
नामदेव वैष्णव समाज सुधारक समिति खानपुरा के तत्वावधान में दशहरे पर रावण वध का कार्यक्रम आयोजित होगा। समाज के अध्यक्ष अशोक बघेरवाल ने बताया कि देश में सभी जगह रावण का दहन किया जाता है लेकिन सिर्फ नामदेव समाज द्वारा ही रावण का वध किया जाता है। खानपुरा क्षेत्र में स्थित 41 फीट ऊंची अति प्राचीन रावण की प्रतिमा चमत्कारी भी है। कई भक्त अपनी मनोकामना लेकर रावण के पांव पर लच्छा बांधते है। कहा जाता है कि नामदेव समाज के लोग मंदोदरी को मंदसौर की बेटी और रावण को जमाई मानते हैं। इस नाते नामदेव समाज प्राचीन परम्परा का निर्वहन करते हुए करीब 1५0 साल से भी अधिक समय से रावण का वध करता आ रहा है। वहीं रावण की प्रतिमा के सामने से जब भी महिलाएं गुजरती है तो जमाई के प्रति सम्मान देते हुए घुंघट डालकर निकलती है। रावण की प्रतिमा के पैर में एकातरा बुखार आने पर लच्छा बांधा जाता है, इससे लोगों का बुखार ठीक हो जाता है। संतान प्राप्ति के लिए भी लोग रावण की पूजा करते हैं। दशहरा पर्व पर सुबह रावण प्रतिमा की पूजा की जाती है और शाम को प्रतीकात्मक वध किया जाता है।

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