ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सामने आया है। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा नमाज पढ़ने से रोकने पर लोग नाराज हो गए और उन्होंने पुलिस पार्टी पर पथराव कर दिया।
कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार का किया विरोध तो होगी 3 साल तक की जेल इस घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक मोक्षदा पाटिल ने बताया कि औरंगाबाद के बिदकिन गांव स्थित मस्जिद में 35 से 40 लोगों के जमा होने की सूचना मिली थी। सूचना के मुताबिक मस्जिद में जमा लोग नमाज पढ़ने के लिए वहां पहुंचे हैं।
सूचना मिलने पर जब पुलिस का दल घटना की जांच करने पहुंचा तो लोग पत्थर फेंकने लगे। पत्थरबाजी की घटना में एक पुलिकर्मी को चोटें भी आई। इस संबंध में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया। इस मामले में लॉकडाउन तोड़ने, पुलिस के काम में बाधा डालने, पथराव करने व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस की जांच जारी है।
विशेष अदालत के आदेश पर वधावन बंधु 29 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसी भी प्रकार की धार्मिक सभा की अनुमति नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ जगहों से मस्जिदों में नमाज के लिए रोके जाने को लेकर पुलिस पर हमले की खबरें सामने नियमित रूप से सामने आने लगी हैं।
बीते सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जुमे की नमाज के लिए एकत्रित भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया था। पुलिस ने बेकाबू भीड़ को बमुश्किल खदेड़ा था और सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन में कुछ लोगों को हिरासत में लिया था।
इसी तरह झारखंड के ठाकुर गंगटी की माल मंडरो पंचायत के रहरवारिया गांव की मस्जिद में जुमे की सामूहिक नमाज रोकने गई पुलिस पर पथराव की घटना सामने आई थी। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हालांकि देश की अधिकांश मस्जिदें लॉकडाउन का पालन कर रही हैं और लोग अपने घरों से ही नमाज पढ़ रहे हैं।